काबुल में अमरीकी सिफ़ारत ख़ाना पर दहश्तगर्द हमला

काबुल। 27 सितंबर (ए एफ़ पी) अमरीकी सिफ़ारत ख़ाना की मुल्हिक़ा इमारत पर काबुल में दहश्तगर्द हमले से एक अमरीकी शहरी हलाक और दूसरा ज़ख़मी होगया। अमरीकी सिफ़ारत ख़ाना पर फायरिंग का वाक़िया पेश आया, जिस में एक अफ़्ग़ान मुलाज़िम भी हलाक करदिया गया। अमरीकी सिफ़ारत ख़ाना के तर्जुमान गेविन सनडीवाल ने कहा कि एक अमरीकी शहरी हलाक और दूसरा ज़ख़मी हुआ है। उन्हों ने कहा कि एक अफ़्ग़ान सरकारी मुलाज़िम हमले के पसेपर्दा था, और वाहिद बंदूक़ बर्दार का किरदार अदा कररहा था। हमले का मक़सद हनूज़ ज़ेर तहक़ीक़ात है। ये वाक़िया कल रात एरियाना होटल के अहाता में पेश आया जो अमरीकी सिफ़ारत ख़ाना से मुल्हिक़ा एक इमारत है। हुकूमत अफ़्ग़ानिस्तान के एक सरकारी ओहदेदार ने अपनी शनाख़्त पोशीदा रखने की शर्त पर ए एफ़ पी से कहा कि एरियाना की इमारत सी आई ए के ज़ेर-ए-इस्तेमाल है। ज़ख़मी शख़्स जिस के ज़ख़म सनडीवाल के बमूजब जान लेवा नहीं है, एक फ़ौजी हॉस्पिटल में हमले के बाद बग़रज़ ईलाज मुंतक़िल करदिया गया है। महलूक अमरीकी की नाश तवक़्क़ो है कि जल्द ही अमरीका रवाना करदी जाएगा। सनडीवाल ने इस बारे में कोई तबसरा करने से इनकार करदिया कि ये इमारत सी आई ए के ज़ेर-ए-इस्तेमाल है। उन्हों ने कहा कि उन्हें यक़ीन है कि तहक़ीक़ात की जाएंगी। हम अपनी सयानत पर संजीदगी से तवज्जा देते हैं और इस का वक़फ़ा वक़फ़ा से जायज़ा लिया जाता है। काबुल में हालिया हफ़्तों में तशद्दुद में इज़ाफ़ा देखा गया है। 19 घंटे का मुहासिरा जो क़ब्लअज़ीं अमरीकी सिफ़ारत ख़ाना का किया गया था, और साबिक़ सदर अफ़्ग़ानिस्तान बुरहान उद्दीन रब्बानी हलाक किए गए थे, हालिया हफ़्तों में ही पेश आया था। अफ़्ग़ानिस्तान की वज़ारत-ए-दाख़िला के तर्जुमान सिद्दीक़ सिद्दीक़ी ने कहा कि पुलिस ने चंद मिनटों तक एरियाना होटल की इमारत में ग्रीनिच मैन टाइम के बमूजब 4:45 बजे शाम चंद मिनट तक फायरिंग की आवाज़ें सुनी थीं। उन्हों ने कहा कि पुलिस को चंद फायरिंग की आवाज़ें एरियाना के अहाता से सुनाई दी थीं लेकिन पुलिस मुक़ामे वारदात के अंदर दाख़िल नहीं होसकी क्योंकि ये इत्तिहादी अफ़्वाज की मिल्कियत है, जो पुलिस की रसाई से बाहर है। हुकूमत अफ़्ग़ानिस्तान के एक ज़रीया ने शनाख़्त पोशीदा रखने की शर्त पर इत्तिला दी कि एरियाना होटल सी आई ए के ज़ेर-ए-इस्तेमाल है। वाशिंगटन में एक अमरीकी ओहदेदार ने तौसीक़ की कि हमला काबुल में अमरीकी ओहदेदारों के ज़ेर-ए-इस्तेमाल इमारत पर किया गया था। इस ने ए एफ़ पी से कहा कि सूरत-ए-हाल ग़ैर यक़ीनी है और वाक़िया की तहक़ीक़ात जारी हैं। दरीं असना सी आई ए ने वाक़िया पर कोई तबसरा करने से इनकार करदिया। अमरीकी सिफ़ारत ख़ाना वाक़्य काबुल के तर्जुमान गेविन सनडीवाल ने भी कोई तबसरा करने से इनकार करदिया। नाटो ज़ेर-ए-क़ियादत बैन-उल-अक़वामी सयान्ती इमदाद फ़ौज के जो काबुल में ताय्युनात ही, तर्जुमान मेजर जैसन वेगनर ने तौसीक़ की कि होटल के क़रीब फायरिंग हुई थी, लेकिन मज़ीद तफ़सीलात के इन्किशाफ़ से इनकार करदिया और कहा कि उन्हें तफ़सीलात हासिल नहीं हुई हैं। ये हमला दार-उल-हकूमत काबुल में हाल ही में तशद्दुद में इज़ाफ़ा के सिलसिले का एक हिस्सा है। अमरीका ने हमले केलिए ममलकत पाकिस्तान की हिमायत याफ़ता अलक़ायदा से मरबूत हक़्क़ानी नैटवर्क के अनासिर को ज़िम्मेदार क़रार दिया ही, जो अमरीका का कहना है कि 13 सितंबर को सिफ़ारत ख़ाना पर हमले के भी ज़िम्मेदार थे और पाकिस्तान और अमरीका के दरमयान कशीदगी में इज़ाफ़ा के भी जो इतनी उरूज पर पहूंच गई ही, जिस की माज़ी में कोई मिसाल नहीं मिलती।