काश! उत्तरप्रदेश से पहले अपने हलके की तरक़्क़ी अज़ीज़ होती

हैदराबाद 05 अप्रैल: हैदराबाद की तरक़्क़ी और अवामी मसाइल का एमपी हैदराबाद ने जायज़ा लेना शुरू कर दिया है और सभी संबंधित अधिकारियों के साथ पिछले दो दिवस अपने हलके में मसाइल का जायज़ा लेते हुए उन्हें हल करवाने का वादा कर रहे और विभिन्न इलाक़ों में तरक़्क़ीयाती कामों का उदघाटन भी अंजाम दिया जा रहा है।

पिछले दिवस विधानसभा हलक़ा बहादुरपूरा के इलाक़ों में पैदल यात्रा के दौरान एमपी एक स्थान पर गंदगी से बचने के लिए दीवार और पत्थरों का सहारा लेते हुए आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं और यह तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब गश्त कर रही है और इस तस्वीर पर कई लोग विभिन्न टिप्पणी कर रहे हैं। नवाब साहब कुन्टा ही नहीं शहर के कई इलाक़ों में ऐसे हालात हैं जिन्हें हल करवाना हैैं।

पुराने शहर की गलीयों के पैदल यात्रा के दौरान एमपी को शायद इस बात का अंदाज़ा हो रहा होगा कि वह देश के विभिन्न राज्यों में हैदराबाद की जिस तरक़्क़ी का ज़िकर कर रहे हैं वह हैदराबाद के पुराने शहर किस हालत में पहुंच चुका है और जनता किन मसाइल का सामना करने के लिए मजबूर हैं।

पुराने शहर के कई इलाक़ो में पानी के मसाइल के अलावा ड्रेनेज के मसाइल के साथ साथ रोज़ाना के आधार पर कचरे की निकासी महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है लेकिन इसके बावजूद उनके मसाइल पर ध्यान न किए जाने के कारण जनता में यह एहसास पैदा होने लगा है है कि नेताओं को उन्हें वोट देने वाले जनता के मसाइल से कोई दिलचस्पी नहीं है इसलिए उन्हें बे-यार-ओ-मददगार छोड़ते हुए अन्य राज्यों के मसाइल के लिए अन्य राज्यों की सरकारों से आंदोलन का सदस्य होने की कोशिश की जा रही है और यह प्रभाव दिया जा रहा है कि मस्रूफ़ियत के कारण मसाइल का हल नहीं हो पा रहे हैं।