कुत्ते ने चेहरा चबाया, जोंक से सर्जरी कर बचाया

स्वीडन , 22 सितंबर: WDFILEचिकित्सा के क्षेत्र में नई-पुरानी तकनीकों को मिलाकर ऐसे प्रयोग किए जा रहे हैं जिससे असंभव भी अब संभव हो गया है। स्वीडन की एक महिला के चेहरे पर उसी के पालतू कुत्ते ने इस कदर काटा की उसके नाक से लेकर होंठ तक बुरी तरह जख्मी हो गए। बुरी तरह कटे-फटे चेहरे के फेशियल री कंस्ट्रशन के लिए जरूरी थी कि महिला के चोटिल अंगों में खून का प्रवाह बना रहे लेकिन जख्म इतने गहरे थे कि साधारण सर्जरी से यह संभव नहीं था।

एक स्वीडिश डॉक्टर ने इस समस्या से निपटने के लिए एक अनोखा पर आजमाया हुआ तरीका इस्तेमाल किया। महिला के जख्मों में खून का प्रवाह शुरू करने के लिए डॉक्टर ने इस महिला के जख्मों पर 358 जोंक डाल दिए। दरअसल जोंक शरीर से खून चूसते समय एक ऐसा रसायन छोड़त‍ी हैं जिससे खून पतला होकर कई घंटो तक लगातार रिसता रहता है। साथ ही जोंक शरीर का गंदा खून भी चूस जाती हैं जिससे ताजा खून का प्रवाह बना रहता है।

लगातार 15 घंटे तक चले इस ऑपरेशन में जोंके भी कम पड़ गई थी पर जैसे-तैसे डॉक्टरों ने कुशलता से इस अनाम महिला की सर्जरी कर उसका चेहरा फिर से जोड़ने में सफलता प्राप्त की। गौरतलब है कि जोंकों के इन गुणों के कारण इन्हें कई देशों में इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कुछ देशों में तो इन्हें रक्त संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए पाला भी जाता है। लीच याने जोंकों से किए जाने वाले इलाज को हिरुडोथेरेपी (Hirudotherapy) भी कहा जाता है। बायोथेरेपी (जानवरों से इलाज) के समर्थकों का मानना है कि जोंकों में काफी अच्छे मेडिसिनल गुण होते हैं।

जोंकों की मदद से हुई सफल सर्जरी के कारण महिला का चेहरा ठीक हो जाएगा पर डॉक्टरों का कहना है कि पूरी तरह ठीक होने के लिए इस महिला के अभी और भी ऑपरेशन करने होंगे। (एजेंसी)