क्या आप कश्मीरियों के दर्द को महसूस नहीं करते, कश्मीरी छात्र का प्रधानमंत्री के नाम पत्र

श्रीनगर। कश्मीर में मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वाणी की मौत के बाद से जारी अब तक की सबसे लंबी हड़ताल और स्वतंत्रता समर्थक विरोध प्रदर्शन की लहर ‘के बीच एक कश्मीरी छात्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पत्र लिखकर उनसे समस्या कश्मीर का स्थायी समाधान निकालने की अपील की है। उक्त छात्र ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री से कहा है कि वह कश्मीर समस्या का स्थायी समाधान निकाल दुनिया भर के लोगों के दिलों पर राज कर सकते हैं। श्रीनगर के एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक कॉलेज में स्नातक के छात्र ‘बदरुद दुजा’ ने प्रधानमंत्री के नाम पत्र पोस्ट के माधयम से उनके नई दिल्ली कार्यालय के पते पर भेजा है। श्रीनगर के रहने वाले 20 वर्षीय ‘बदरुद दुजा’ ने अपने पत्र में लिखा है कि ‘श्री प्रधानमंत्री जी! भाजपा भारत की आत्मा का प्रतिनिधित्व का दावा करती है। आत्मा हमेशा पवित्र होती हैं। आत्मा हमें न्याय करना सिखाती है।” उन्होंने लिखा है कि क्या आप कश्मीरियों की दर्द को महसूस नहीं करते?

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उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को भारत की आत्मा के उद्धारकर्ता बताते हुए उम्मीद जताई है कि वह कश्मीरियों के साथ न्याय कर कश्मीर समस्या का स्थायी समाधान निकालेंगे। ‘बदरुद दुजा’ ने लिखा है ‘श्री प्रधानमंत्री जी! आप भारत की आत्मा के उद्धारकर्ता हैं। कश्मीर की आत्मा रो रही है। क्या आप इस दर्द को महसूस नहीं करते? आप समस्या (कश्मीर) का स्थायी समाधान निकाल दुनिया भर के लोगों के दिलों पर राज कर सकते हैं। मुझे आशा है कि आप (कश्मीरियों से) न्याय करेंगे। ‘
प्रधानमंत्री श्री मोदी को पत्र लिखने वाले छात्र ‘बदरुद दुजा’ ने यूएनआई से बात करते हुए कहा कि उन्होंने अपना पत्र 26 अक्टूबर को रजिस्टर्ड पोस्ट के माध्यम से प्रधानमंत्री कार्यालय के पते पर भेजा है। उन्होंने बताया, “हम अभी उथल पुथल से थक गए हैं। अब बहुत हो गया। हम शांति चाहते हैं। हम चाहते हैं कि वार्ता हों और कश्मीर समस्या को हमेशा के लिए हल किया जाए। कॉलेज के छात्र ने बताया कि कश्मीर समस्या के समाधान होने तक घाटी में अराजकता का माहौल यूं ही बरकरार रहेगा। उन्होंने बताया, “अगर कश्मीर की जमीनी स्थिति को इस बार भी हल्के में लिया गया और कोई उपाय नहीं किया गया तो कश्मीर आगे भी इसी तरह उबलता रहेगा। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के पास अच्छा मौका है कि वह कश्मीर में 2008, 2010 और इस सार्वजनिक विरोध आंदोलनों का जायज़ा लेकर कश्मीर समस्या को हमेशा के लिए हल करें। ‘ ‘बदरुद दुजा’ ने बताया कि हमले और विरोध प्रदर्शनों के कारण न केवल जीवन के प्रत्येक क्षेत्र प्रभावित हो रहा है बल्कि भारत की तस्वीर भी खराब हो रही है। घाटी में मौजूदा स्वतंत्रता समर्थक विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों के हाथों कम से कम 90 नागरिक मारे गए जबकि 15 हजार अन्य घायल हो गए हैं।