क्या इतना सस्ता है राष्ट्रगान ??

फिल्म इंडस्ट्री के महानायक बिग बी असल ज़िन्दगी के नायक नहीं है यह उन्होंने खुद साबित किया है। बिग बी कहलाने वाले अमिताभ बच्चन का अपने राष्ट्र का राष्ट्रगान करने पर चार करोड़ वसूलना देश को चार करोड़ गालियां देने के बराबर है। किसी को देश द्रोही कहने से पहले और उन पर केस दायर करने से पहले जरा इस शख्स पर भी गौर करें तो ये भी किसी देश द्रोही से काम नहीं है। राष्ट्रगान फ़िल्मी गाने की तर्ज पर गाना और राष्ट्रगान गाने पर पैसा वसूलना ये कोई देश प्रेमी नहीं कर सकता। इसमें देश की सरेआम बेइज्जती हुई है। जो इस देश के लिए शहीद हुए है अमिताभ ने उनके सर भी शर्म से झुका दिए। आप खुद ही सोचें की अमिताभ का ऐसा करना ठीक था? राष्ट्रगान था या कोई फिल्म की शूटिंग या फिर कल्याण जेवेल्लेर्स की एड जिसके लिए वह बिना पैसे लिए काम नहीं कर सकते थे। अपने देश में रहने वाले ऐसे लोग देश के लिए फ्री में राष्ट्रगान नहीं गए सकते तो ऐसे लोग किसी गरीब का क्या भला करेंगे। राष्ट्रगान का महत्व क्या होता है यह सियाचिन में बर्फ के ढकी चोटियों पर खड़े जवान से पूछें जो अपने घर-परिवार से दूर सिर्फ अपने तिरंगे की शान के लिए खड़ा होता है। देश के असली हीरो वह कहलाए जाने चाहिए क्यूंकि वह अपने देश के लिए हर कीमत पर और किसी भी मुसीबत से लड़ने को तैयार रहते है अपनी जान की परवाह किये बिना और हमारे फिल्म इंडस्ट्री के महानायक अपने देश की शान को बढ़ाने के लिए फ्री में राष्ट्रगान गाने से भी कतराते है।
कितना अच्छा होता की ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वाली मोदी सरकार किसी सरकारी स्कूल की बच्ची से ही राष्ट्रगान गवा लेती। जो चार करोड़ सरकार ने अमिताभ को दिए है उसी पैसे से सरकार सरकारी स्कूल जिनकी छते भी नहीं होती या जिनकी छते बारिश आते ही टिप-टिप करने लगती है उन्हें ढंग से बनवा सकती थी तांकि वहां पढ़ रहे बच्चे सुकून से बैठकर पढाई कर सकें। देश को सुपर भारत कहने वाली सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि इनको देश के गरीबों की चिंता नहीं है बल्कि देश के अमीरों और धन्नासेठों की ही ज्यादा चिंता है।