क्या कांग्रेस वास्तव में बीजेपी को बाहर करना चाहती है?

अरविंद केजरीवाल ने विभिन्न चैनलों को दिए साक्षात्कार में बताया कि कांग्रेस ने AAP के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया है। उनके अनुसार, कांग्रेस दिल्ली में अकेले जाना चाहती है। इसलिए दोनों दल दिल्ली में अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे।

केजरीवाल के अनुसार, पिछले लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी को 33 पीसी वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 15 पीसी वोट मिले; और बीजेपी को 45 पीसी वोट मिले। इंकलाब के मुताबिक केजरीवाल ने बताया था कि अगर कांग्रेस और आप मिलकर चुनाव लड़ेंगी तो बीजेपी क्लीन बोल्ड हो जाएगी।

केजरीवाल ने कहा कि राजनीतिक मतभेद होने के बावजूद, वह देश के हित में कांग्रेस के साथ सहयोगी होने के लिए तैयार थे। उन्होंने कहा कि मोदी-शाह की जोड़ी को सत्ता से हटा दिया जाना चाहिए क्योंकि अगर वे दोबारा सत्ता में आए तो वे संविधान को बदल देंगे।

अरविंद केजरीवाल देश के सभी धर्मनिरपेक्ष मतदाताओं के विचारों की प्रतिध्वनि कर रहे थे। सेक्युलर-दिमाग वाले लोगों का मानना है कि गठबंधन के बिना धर्मनिरपेक्ष ताकतों की जीत सुनिश्चित नहीं है। दुर्भाग्य से, कांग्रेस पार्टी ने देश हित पर पार्टी हित को प्राथमिकता दी।

धर्मनिरपेक्ष लोगों को अभी भी उम्मीद है कि सभी दल अपने मतभेदों को दूर करेंगे और देश के बड़े हित के लिए काम करेंगे।