क्या मोदी का मुस्लिम समर्थक बयान सर्जिकल स्ट्राइक की रणनीति का हिस्सा था ?

मलिक असग़र हाश्मी, लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोझिकोड में मुसलमानों के पक्ष में पहली बार खुलकर दिया गया बयान क्या सर्जिकल स्ट्राइक की रणनीति का  हिस्सा था और क्या पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के विरुद्ध सैन्य कार्रवाई से पहले मोदी देश के सभी वर्ग का विश्वास हासिल करना चाहते थे?
     सैन्य कार्रवाई से पहले और बाद में जिस तेजी से घटनाक्रम बदला है। उससे तो यही लगता है। मोदी की सफल रणनीति ही है कि सैन्य कार्रवाई के बाद न सिर्फ देश में हंसी ख़ुशी का माहौल है। बात-बात में पाक और आईएसआईएस का झंडा लेकर सड़कों पर उतरने वाले कश्मीरी अलगव वादी भी शांत हैं। मिलिट्री ऑपरेशन पर सरकार को हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है। तमाम राजनीति दल मतभेद भुलाकर सरकार के साथ खड़े हैं। मुस्लिम उलेमा ने सैन्य कार्रवाई की तारीफ की है।
    भाजपा के बड़े लीडरों के एक वर्ग का भी मानना है कि ऐसी कार्रवाई पर कुछ लोग तरह-तरह के तर्क देकर एक खास वर्ग को भड़का कर देश का माहौल ख़राब कर सकते थे। ऐसे लोगों को मौका नहीं देने के लिए ही एक रिटायर्ड नेवी अधिकारी ने कामयाब सैन्य कार्रवाई पर सड़कों पर जश्न मनाने से परहेज करने की हिदायत दी है।
मुसलमानों के एक वर्ग का मानना है कि कोझिकोड से पहली बार मुस्लिमों के पक्ष में प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा बयान आने पर उन्हें भी आश्चर्य हुआ था। जिसके मायने अब समझ आ रहे हैं। जबकि इससे पहले प्रधानमंत्री ने मुसलमानों को ईद, बकरीद और रमज़ान पर मुबारकबाद देना भी जभी जरुरी नहीं समझा।