क्या राजनीतिक नेताओं और उनके चेलों को सरकार के फैसले की पूर्व सूचना थी?

हैदराबाद 09 नवंबरःहुकुमते हिन्द देश में 1000 और 500 रुपये के नोट पाबन्दी की खबर नेताओं को पहले से थी? देश में बड़े वाणिज्यिक संस्थान इस बात से परिचित थे कि देश में 1000 और 500 के नोट पर रोक लगाए हुए है? राजनीतिक नेताओं के काले धन को सफेद में बदलने वाले व्यापारी भी क्या इस बात से परिचित थे? सरकार के इस कदम का सबसे ज्यादा असर भ्रष्टाचार में लिप्त काला धन जमा करते हुए करोड़ों रुपये बचाने वालों पर सेट होगा लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले लोगों ने धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के जरिए जमा करदा अपनी दौलत को संपत्ति मे‍ं बदल नहीं किया होगा? जो सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं उनके मुताबिक कई ऐसे राजनीतिज्ञ जो सरकार के करीब रहे हैं उन्हें इस बात की जानकारी पहले से थी क्योंकि हालिया अर्सा में अचानक जमीन और संपत्ति खरीदने के लिए करोड़ों रुपये निकाले गए और शहर में हजारों एकड़ आराज़ीयात की मुआमलतें अंजाम पाई हैं।

सरकार जब कोई नीति तय करती है करीबियों को इसकी जानकारी होती है और इसके कई उदाहरण हैं जैसे अगर सरकार किसी क्षेत्र में विकास प्रोजेक्ट की योजना बना रही है तो सत्ताधारी नेताओं क्षेत्रों में आराज़ीयात खरीद लेते हैं उसी तरह सरकार किसी क्षेत्र में भारी कीमत का भुगतान द्वारा कानून प्राप्त आराज़ीयात के तहत भूमि प्राप्त करने की योजना तैयार करती है तो इसकी सूचना समय से पहले राजनीतिक नेताओं को होती है।

500 और 1000 के नोटों के अचानक चलन बंद होने से पहले नेताओं और उनके करीबी सहयोगियों की ओर से करोड़ों रुपये की आराज़ीयात की मुआमलतें शक के दायरे में आने लगी हैं क्योंकि वह इस तरह अपने पास जमा करोड़ों रुपये का समयपूर्व प्रयोग अपनी नकदी धन संपत्ति में बदलने में सक्षम हो चुके हैं।

राज्य तेलंगाना में भी ऐसे कई घटनाएं हैं जिनमें ऐसे ताजरीन ने मुंह मांगी कीमत आराज़ीयात खरीदी हैं और उनके आराज़ीयात के अधिग्रहण के बाद संतुष्ट हैं इसी तरह शहर से संबंधित कुछ ताजरीन से भी सैकड़ों एकड़ आराज़ीयात की खरीदी की खबरें हैं इसी तरह राजनीतिक नेताओं के बेनामी रक़ूमात हस्तांतरण का काम करने वालों से भी आराज़ीयात और सोने की खरीदी की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं।

शहर में आराज़ीयात के व्यापार में सरगर्म लोगों से भी आराज़ीयात खरीदी की मझमलतें अंजाम दी गई है.शहर के कुछ ताजरीन और राजनीतिक नेताओं के अलावा उनके करीबी लोगों ने 1000 और 500 रुपए की नकदी रक़ूमात को संपत्ति में बदल लिया हे.बताया जाता है कि शहर ‘राज्य के अलावा देश के कई राज्यों में हालिया अर्सा के दौरान नकदी रक़ूमात को संपत्ति में बदलने की प्रवृत्ति तेज देखा गया है।

रिपोर्टों के अनुसार शहर के उपनगरीय क्षेत्र जलपल्ली में एक राजनीतिक नेता ने 100 एकड़ भूमि खरीदी है उसी तरह एक व्यावसायिक घराने भी अतराफ़-ओ-अकनाफ़ के क्षेत्रों में सैकड़ों एकड़ भूमि खरीदी है। यही सूरत-ए-हाल राजनीतिक नेताओं से क़ुरबत रखने वालों की भी रही और उन लोगों ने भी जो आराज़ीयात बराए फ़रोख़त नज़र आई उन्हें खरीदते हुए अपने काले धन को दूसरे के गले बांध दिया जबकि खुद संपत्ति के मालिक बन गए या फिर अपने करीबी लोगों को बेनामी संपत्ति के मालिक बनाने में सफल हो गए।