क्या संघ के इशारे पर बनाएंगे जावड़ेकर स्कूल, कॉलेजों का सिलेबस

इसी महीने मानव संसाधन मंत्रालय की ज़िम्मेवारी संभालने वाले मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को RSS के वरिष्‍ठ पदाधिकारियों से बंद कमरे में एक मुलाकात की। इस मुलाकात में देश की नई शिक्षा नीति को लेकर हुई बातचीत में RSS से जुडे कई अन्‍य संस्‍थाओं के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। मंत्रालय की जिम्‍मेदारी संभालने के बाद से जावड़ेकर की संघ से पहली बार औपचारिक मीटिंग है।

सूत्रों के अनुसार, जावड़ेकर ने गुजरात भवन में छह घंटे चली इस बैठक में विद्या भारती, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, राष्‍ट्रीय शैक्षिक महासंघ, भारतीय शिक्षण मंडल, संस्‍कृत भारती, शिक्षा बचाओ आंदोलन, विज्ञान भारती जैसी संस्थओं के मुखिया शामिल थे। इसके इलावा बैठक में RSS के संयुक्‍त सचिव कृष्‍ण गोपाल, भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह और RSS के अनिरुद्ध देशपांडे भी मौजूद थे।

सूत्रों का कहना है कि बैठक का उद्देश्य नई शिक्षा नीति पर संघ के इनपुट्स बांटना था तांकि आने वाले वक़्त में स्कूलों कॉलेजों में पढाये जाने वाले सिलेबस को संघ के दिशा निर्देशों के हिसाब से बदला जा सके।   संघ के एक बयान के अनुसार उसने आधुनिक शिक्षा में राष्‍ट्रीयता, गर्व और प्राचीन भारतीय मूल्‍यों को समाहित करने’ की योजना बनाई है। वहीं RSS के एक मुख्या लीडर का कहना है कि, “बैठक सरकार-संगठन मंच का एक हिस्‍सा थी जो मोदी सरकार के सत्‍ता में आने के बाद बना है। चूंकि जावड़ेकर मंत्रालय में नए हैं, इसलिए हमनें उन्‍हें जमीनी स्‍तर की चुनौतियों और शिक्षा क्षेत्र में जरूरी सुधारों से अवगत करा दिया है।”

सरकार की संघ के प्रति दर्शायी जा रही इस तरह की वफादारी आने वाले वक़्त में एक हिन्दू राष्ट्र का निर्माण करेगी ऐसा मानने वाले विशेषज्ञों ने मामले पर चिंता ज़ाहिर की है कि देश में आने वाला दौर खून खराबे और नफरत से भरे सामाजिक जीवन वाला होगा।