खबरों की प्रस्तुति पर गूगल व फेसबुक के लिए नई जर्मन मंत्री से मिली चुनौती

डिजिटल नीति की ज़िम्मेदारी के साथ जर्मनी की नई आने वाले मंत्री ने कहा है कि वह सोशल मीडिया दिग्गजों को उपयोगकर्ताओं की जानकारी को और अधिक विविधतापूर्ण और समय-समय पर फ़ीडबैक करने के लिए पुश देगी जो सोशल मीडिया को “गूंज चेंबर” बनाने से बचाएगी।

फेसबुक जैसे कंपनियां दुनिया भर के नियामकों ( regulators) के दबाव में आई हैं क्योंकि सबूत सामने आए हैं कि कैसे एक विशेष चयन वाली खबरों ने उनके प्लेटफार्म पर विचारों की पुनरावृत्ति से दुनिया भर के मतदाता के व्यवहार में बदलाव आ रही है जो उनके धारणाओं को संकुचित कर सकती है। मंत्री, डॉरोथी बेयर, ने कहा कि वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गईं सामाग्री पर Facebook और Google को चुनौती देंगी और उनसे खुली  बातचीत करेगी ।

“फिलहाल, एल्गोरिदम प्रासंगिकता या लोकप्रियता के अनुसार सोशल गूगल खबरें और सामाग्री को सॉर्ट करता है,” उसने शनिवार को एक साक्षात्कार में अख़बार डाई वेलट को बताया की “यह सिस्टम से टॉप पुरानी पोस्टों को यूजर के सामने दुबारा ले आता है जो अक्सर सच्चाई नहीं होते। “मैं वास्तविक समयसीमा फिर से देखना चाहती हूं जो यूजर पता नहीं करना चाहते है, लेकिन उनको पता होना चाहिए इस बारे में, इस वक़्त क्या हो रहा है।”

2016 के अमेरिकी चुनावों में डोनाल्ड ट्रम्प की एक झटके में जीत और यूरोपीय संघ की सदस्यता पर ब्रिटेन के जनमत संग्रह में “छुट्टी” के कैंप ने व्यापक चिंता का सामना किया है। जर्मनी में, जहां 20 वीं शताब्दी में दो अलग-अलग अधिनायकवादी शासनों के तहत रहने का अनुभव सोशल मीडिया के गोपनीयता निहितार्थ पर भारी चिंता पैदा कर रहा है, मंच का उपयोग कम है, लेकिन बढ़ रहा है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल दुनिया भर में हिंसा के लिए भी हो रहा है, जो चिंता का विषय है।