मध्य प्रदेश के संजय गांधी अस्पताल में एक खातून ने एक साथ 10 नामुकम्मल बच्चो (Undeveloped babies) को जन्म दिया लेकिन इन सभी बच्चो की मौत हो गई मां की हालत मामूल बताई जा रही है मुल्क में शायद पहली मर्तबा इस तरह का वाकिया सामने आया है |
डॉक्टरों के मुताबिक, जन्म लेने के बाद सभी Undeveloped babies का वजन 100 से लेकर 200 ग्राम के बीच था हालांकि डॉक्टर इसे गैर मामूली वाकिया मानने को तैयार नहीं है इसकी वजह यह है कि खातून ने बांझपन का इलाज इन विट्रो फर्टीलाइजेशन (आइवीएफ) मेथड से कराया था 15 दिन पहले जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ने उसे नागपुर या मुंबई जाने की सलाह दी थी, लेकिन वह संजय गांधी अस्पताल में शरीक हो गई |
Gynecology department की चीफ डॉ मीना भार्गव ने बताया कि आइवीएफ में इस तरह की शिकायतें अब ज्यादा देखने को मिल रही हैं | इस मेथड में Sperms and eggs के Fertilization का काम जिस्म से बाहर होता है |