“गाय कल्याण कोष” के नाम पर अतिरिक्त टैक्स वसूलेगी राजस्थान सरकार

जयपुर: देश में राजस्थान पहला ऐसा राज्य है जहां पर गाय के लिए एक अलग मंत्रालय है. राजस्थान की भाजपा सरकार गायों की सुरक्षा और रखरखाव के लिए एक “गाय कल्याण कोष” बनवाने की योजना बना रही है. जिसके लिए वह अपने कर्मचारियों से अतिरिक्ति टैक्स वसूलेगी. एक दिन पहले ही देश के गृहमंत्री और भाजपा के बड़े नेता राजनाथ सिंह ने गाय और मानव को एक समान बताया था. उन्होंने गाय को 80 प्रतिशत मानव जींस का बताया था.

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नेशनल दस्तक के ख़बरों के मुताबिक, राजिस्थान सरकार “गौ घास कोष” में अपने राज्य कर्मचारियों से एक दिन में तीन रुपए सेस के रूप में वसूलेगी यह अतिरिक्त उपकर होगा, सरकार को उम्मीद है कि इससे 500 करोड़ जुटा लिए जाएंगे. राज्य सरकार ने कहा है कि हमें राज्य के 5 लाख से अधिक मवेशियों की देखभाल के लिए 200 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आवश्यकता है और यही एक तरीका है जिससे हम पैसे जुटा सकते हैं.
राज्य के गृह मंत्री गुलाब चन्द्र कटारिया ने कैबिनेट की उप-समिति की बैठक में कहा कि गाय कल्याण कोष के लिए पांच प्रतिशत पैसा कार्पोरेटों से और पांच प्रतिशत पैसा अन्य धार्मिक ट्रस्टों के द्वारा इकट्ठा किया जाएगा जोकि एक साल में पांच करोड़ से ज्यादा का होगा. वहीं दस प्रतिशत पैसा राज्य की मंडियों से वसूला जाएगा और जमीन की रजिस्ट्री के द्वारा भी गाय कल्याण कोष के लिए पैसे इकट्ठे किए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को उनकी रैंक के हिसाब से तीन भागों में बांटा गया है जो एक रुपए, दो रुपए और तीन रुपए में पैसा जमा करेंगे. उन्होंने कहा कि हम 500 करोड़ इकट्ठा करने के लिए गम्भीर हैं.
विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी इसे लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि भाजपा गाय के नाम पर जनता का वोट लेना चाहती है लेकिन गाय की सुरक्षा के लिेए वह गंभीर नहीं है. कांग्रेस के प्रवक्ता प्रकाश सिंह कचारिया ने कहा कि गाय मंत्रालय पहले से ही जमीन रजिस्ट्रेशन से 11 प्रतिशत वसूली कर रही है. कचारिया ने कहा, “यह जो सरकार कर रही है यह गाय की सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि वोटबैंक के लिेए है.”
अधिकतर सरकारी कर्मचारियों ने कहा कि उनसे बिना पूछे ही सरकार ने यह कदम उठाया है. संघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को पहले सिस्टम को सुधारने की जरूरत है.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान की भाजपा सरकार ने गाय की सुरक्षा के नाम पर यह कदम उठाया है लेकिन राज्य सरकार पर गाय की सुरक्षा को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं. अगस्त महीने में राज्य की राजधानी जयपुर से मात्र 35 किमी दूर एक गौशाला से 1000 गायों के मरने की खबर आई थी.