गिरानी अलाउंस क़िस्त और पी आर सी बक़ायाजात की इजराई का मुतालिबा

संगारेड्डी 29 दिसंबर: अली मुहम्मद मूज़फ़ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफ़िसर महिकमा ज़राअत संगारेड्डी ने अपने सहाफ़ती बयान में कहा कि रियासती हुकूमत अपने मुलाज़मीन सरकार और वज़ीफ़ा याबा को मर्कज़ी हुकूमत की तरह साल में दो मर्तबा यानी जनवरी और जून में गिरानी अलाउंस की क़िस्त मंज़ूर करना चाहिए लेकिन तेलंगाना हुकूमत ने साल 2015 में सिर्फ एक क़िस्त यानी माह जनवरी के वाजिब-उल-अदा गिरानी अलाउंस मंज़ूर किया।जबकि माह-ए-जून में मंज़ूर शूदा गिरानी अलाउंस क़िस्तता हाल मंज़ूर नहीं किया।

माहे जून से माह दिसंबर तक 6 माह का अरसा गुज़र चुका है और कुछ दिन में माह जनवरी से गिरानी अलाउंस की मज़ीद एक क़िस्त वाजिब इल्ला दा हो जाएगी उस के अलावा तेलंगाना हुकूमत ने पी आर सी के बक़ायाजात भी मुकम्मल तौर पर अदा नहीं किया। चुनांचे रियासती हुकूमत से मुतालिबा किया जाता है कि गिरानी अलाउंस की दो किस्तें यानी माह-ए-जून और जनवरी को एक साथ मंज़ूर करते हुए नक़द अदा किया जाये। और पी आर सी बक़ायाजात भी जल्द अज़ जल्द अदा किए जाएं।