गूगल सीक्रेट प्रोजेक्ट सोलर ड्रोन: दुनिया को 5G देने की तैयारी

नई दिल्ली,गूगल की टॉप सीक्रेट टीम फिर एक बड़े प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने जा रही है। द गार्जियन के मुताबिक गूगल जल्द ही सोलर ड्रोन पर काम करने वाला है जिसका मकसद सोलर एनर्जी से दुनियाभर में 5G इंटरनेट देना होगा। इस प्रोजेक्ट पर उसी टीम को लगाया गया है जो प्रोजेक्ट लून के लिए काम कर रही थी। गूगल ने इस प्रोजेक्ट का नाम स्काईबेंडर दिया है।

यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के प्रोफेसर जैक्स रुदेल ने गार्जियन को बताया कि मिलीमीटर वेव एक नए तरह के स्पेक्ट्रम का ऐसा मज़बूत ज़राए है जो हाल स्पेस्ट्रम सिस्टम से कई गुना असरदार है। दूसरा हाली सेलफोन स्पेक्ट्रम बहुत ज्यादा लोगों के इस्तेमाल में आ रहा है। वहां भीड़ हो चुकी है। कुछ दिक्कतें हैं इस नई तकनीक के साथ जिस पर गूगल को काम करना होगा। इसके बाद गूगल आसमान से इंटरनेट को बांट सकेगा।

अखबार के मुताबिक गूगल ने इसके लिए न्यू मैक्सिको में स्पेसपोर्ट अमेरिका वाक़े स्पेस टर्मिनल पर इस्तेमाल शुरू भी कर दिया है। इसके तहत पहाड़ी ऊंचाई पर मिलीमीटर वेव की बुन्याद पर इंटरनेट पर काम किया जा रहा है। तकनीकी जानकारी बताते हैं कि मिलीमीटर वेव्स को नार्मल इंटरनेट स्पीड से 40 गुना ज़्यादा स्पीड से डाटा ट्रांसमिशन में उपयोगी माना जाता है। गूगल का ये नया प्रोजेक्ट इसी तकनीक की बुनियाद पर होने की इमकान है।

प्रोजेक्ट स्काई बेंडर के लिए प्रयोग हाल में सेंटॉर और सोलर पावर ड्रोन सोलेरा 50 से किया जा रहा है। गूगल के पास ड्रोन की बुन्याद पर इंटरनेट सिस्टम से टेस्टिंग के हक़ हैं।