गैंगरेप आरोपी के छूटने पर बवाल, कोर्ट ने कहा- सहमति से हुआ ग्रुप सेक्स

स्पेन में रेप के मामले में कोर्ट के फैसले को लेकर इन दिनों लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. दरअसल, 18 साल की एक लड़की से कथित तौर पर गैंगरेप और उसका वीडियो बनाने के मामले में अदालत ने 26 अप्रैल को 5 आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने इन्हें गैंगरेप का आरोपी न मानकर यौन उत्पीड़न का दोषी माना है. सभी 5 लोगों को 9 साल की सज़ा सुनाई गई है. बता दें कि स्पेन में गैंगरेप की तुलना में यौन अपराध या उत्पीड़न को ज्यादा सीरियस क्राइम नहीं माना जाता.

washingtonpost.com की खबर के मुताबिक, ये घटना साल 2016 में ‘बुल फेस्टिवल’ के दौरान हुई थी. पुलिस को शिकायत दी गई थी कि 5 लड़कों ने लड़की के साथ गैंगरेप किया और वीडियो बनाकर व्हाट्सऐप ग्रुप पर शेयर कर दिया. लेकिन, कोर्ट ने इसे गैंगरेप की घटना मानने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने इसे आपसी सहमति से किए गए ग्रुप सेक्स के दौरान हुआ यौन उत्पीड़न माना.

लड़की ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. फिर कोर्ट में दो साल तक केस चला. सुनवाई के दौरान वो वीडियो भी पेश किया गया, जो आरोपियों ने बनाया था. वीडियो में लड़की की आंखे बंद थी और वह ‘पैसिव मोड’ में थी यानी इस दौरान वो खुद को बचाने के लिए हाथ पैर नहीं मार रही थी. कोर्ट में आरोपियों के वकील ने इस बात को इस तरह पेश किया कि महिला ने सहमति दी थी.

इन तस्वीरों के आधार पर आरोपियों ने कहा कि महिला दर्द से नहीं गुजरी. क्योंकि, वो आपसी रजामंदी से ग्रुप सेक्स कर रही थी. हालांकि, पीड़ित के वकील ने इन तर्कों का कड़ा विरोध किया.

26 अप्रैल को हुई आखिरी सुनवाई में कोर्ट ने सभी 5 लडकों को गैंगरेप के आरोप से बरी कर दिया. कोर्ट ने इन्हें सिर्फ यौन उत्पीड़न का दोषी माना और सभी को 9 साल की सजा सुनाई. इसके अलावा ये अभियुक्त लड़की को 8-8 लाख रुपये भी देंगे. बहरहाल कोर्ट के फैसले से स्पेन के लोगों में आक्रोश है. पीड़ित लड़की को इंसाफ दिलाने को लेकर मैड्रिड, बार्सिलोना समेत कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.