गैंगस्टर नईम की चालाकी से दोस्तों और दुश्मनों को यकसाँ परेशानी

हैदराबाद 18 अगसट: बदनाम-ए-ज़माना गैंगस्टर नईम की एनकाउंटर में हलाकत के बाद जारी पुलिस तहक़ीक़ात में हैरत-अंगेज़ इन्किशाफ़ात सामने आरहे हैं।नईम की ज़िंदगी मुख़ालिफ़ीन के लिए जिस क़दर ख़तरनाक थी अब नईम की मौत उस के हामीयों और हमदर्दों के लिए इसी क़दर ख़तरनाक हो गई है।

नेक्स्लाईट से गैंगस्टर बनने वाला नईम हर एक से मुलाक़ात का रिकार्ड रखता था और टेक्नालोजी का इस्तेमाल करते हुए वो वीडियोग्राफी और फ़ोन रिकार्डिंग भी किया करता था। एसआईटी की ताज़ा तहक़ीक़ात में इस हैरत-अंगेज़ हक़ीक़त का इन्किशाफ़ हुआ है। बावसूक़ ज़राए के मुताबिक़ नईम अपने अंजाम से वाक़िफ़ था और साथीयों को हमेशा ये बात कहता था कि जिन्हें हमसे नुक़्सान हुआ है और जो लोग हमसे फ़ायदा हासिल कर रहे हैं ये दोनों हमारे लिए बराबर के ख़तरनाक हैं।

नईम पुलिस और सियासतदानों की नीयत से बख़ूबी वाक़िफ़ था और अपने साथीयों को मश्वरह देता था कि वो कभी इस बात के इतमीनान में ना रहें कि जो लोग हमें इस्तेमाल कर रहे हैं वो लोग हमें कभी फ़ायदा पहुंचाएंगे। नईम के ठिकानों पर धावा करते हुए पुलिस ने जो मालूमाती ज़ख़ीरा और कंप्यूटर्स-ओ-इलेक्ट्रॉनिक्स अश्याय से जो ज़ख़ीरा हासिल किया है वो तक़रीबन चार हज़ार फिल्मों के बराबर का है।

पुलिस अब उस की तफ़सीली जांच में मसरूफ़ हो गई है। एक डायरी से परेशान इंतेज़ामी उमोर के आला ओहदेदार अब इस ज़ख़ीरे के बाद मज़ीद उलझनों का शिकार होंगे। नईम के जो बैंक खाते थे वो अफ़रादे ख़ानदान के नाम से ज़्यादा थे। ज़राए के मुताबिक़ बीवी हसीना और नईम की बहन समीरा (आपा) के नाम बैंक खातों की कसरत पाई जाती है।

एक अंदाज़े के मुताबिक़ तक़रीबन 250 बैंक खाते मौजूद हैं। अपने क़रीबी चंद साथीयों के बाद नईम का सबसे ज़्यादा भरोसा उस की आपा पर था। पुलिस के हाथ कठ-पुतली और पुलिस-ओ-सियासतदानों के इशारों पर काम करने के इल्ज़ामात नईम और इस की टोली पर पाए जाते हैं बावजूद उस के नईम उन पर भरोसा नहीं करता था।

शायद यही वजह थी कि नईम अपने साथीयों को हमेशा नसीहत करता था कि ये लोग कभी भी हाथ छोड़ सकते हैं। एसआईटी की तहक़ीक़ात में इस हैरत-अंगेज़ इन्किशाफ़ के बाद शायद उन लोगों की ख़ैर नहीं जो कभी नईम की मदद हासिल कर चुके हैं और इस का साथ दे चुके हैं।