गैर मजाज़ इमारतों से टैक्स वसूली पर ऐडवोकेट जेनरल से राय तलबी

चीफ मिनिस्टर के चन्द्र शेखर राव की हिदायत पर मजलिसे बल्दिया अज़ीम तर हैदराबाद ने शहर में गैर मजाज़ तामीरात के मालिकीन से जुर्माने और टैक्स वसूली पर ऐडवोकेट जेनरल की राय हासिल करने का फैसला किया है। 2006 से बल्दिया उन मकानात से टैक्स हासिल नहीं कर रही है जो नोट्री पर हैं या रजिस्टर नहीं हैं या जिन के ताल्लुक़ से तनाज़ा पाया जाता है।

जी एच एम सी के रिकार्ड के मुताबिक़ शहर में इस तरह की 1,05,175 जायद दादें मौजूद हैं। अगर इन जायदादों का असेसमेन्ट किया जाए तो मजलिसे बल्दिया को 37.59 करोड़ रुपये वसूल हो सकते हैं। बल्दिया ने रियासती हुकूमत से अपील की थी कि वो इस तरह की जायदादों पर जुर्माने और टैक्स हासिल करने की इजाज़त दी जाए।

इन इमारतों से ताहम टैक्स वसूल नहीं किया जाएगा जो बल्दी पार्क्स में और तालाब के शिकम की अराज़ी पर या सड़क के किनारों पर तामीर कर ली गई हैं। चंद दिन क़ब्ल मुनाक़िदा एक इजलास में ये मसअला चीफ मिनिस्टर के चन्द्र शेखर राव के इल्म में लाया गया था जिस में उन्हों ने बल्दिया के ओहदेदारों को हिदायत दी कि वो गैर मजाज़ तामीरात पर जुर्माने और टैक्स आइद करने के ताल्लुक़ से ऐडवोकेट जेनरल की राय हासिल करें।

बाअज़ ओहदेदारों का कहना है कि चूँकि गैर तरक़्क़ी याफ़्ता इलाक़ों में बल्दिया अवाम को बुनियादी सहूलतें फ़राहम करने पर मजबूर है और उन्हीं इलाक़ों में गैर मजाज़ तामीरात ज़्यादा हैं इस लिए वहां टैक्स वसूल किया जा सकता है।