अमेरिका के भीतर इस्लामी आतंकवादियों की तुलना में यहूदी आतंकवाद अधिक

दुनिया में मुसलमानों की आबादी क़रीब 1.8 अरब है और थोड़े से इसलामी आतंकवादी घटनाओं के लिए पूरे मुस्लिम समाज को ज़िम्मेदार ठहराना कितना जायज है. दूनिया भर में होने वाले आतंकवादी घटनाओं पर नजर डाले तो पता चलता है कि गैर मुस्लिम आतंकवादी ज्यादा हैं बनिस्पत मुस्लिम आतंकवादी के. अमरीकी खुफ़िया संस्था एफबीआई के आंकड़े कहते हैं कि साल 1980 से साल 2005 के बीच हुए 94 फ़ीसदी चरमपंथी हमलों में ग़ैर-मुसलमान शामिल थे. दूसरे शब्दों में कहें तो, 1 970 और 2012 के बीच संयुक्त राज्य पर हुए सभी आतंकवादी हमलों में लगभग 2.5% मुसलमानों द्वारा किए गए थे जो कि यह सभी हमलों का एक बहुत ही छोटा हिस्सा है।

इस आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका के भीतर इस्लामी आतंकवादियों (7% बनाम 6%) की तुलना में अधिक यहूदी आतंकवाद थे। ये कट्टरपंथी यहूदियों ने अपने धर्म के नाम पर आतंकवाद के कृत्यों का पालन किया। ये आतंकवादी नहीं थे, जो यहूदी थे; बल्कि, वे अतिवादी यहूदी थे जो अल-कायदा व अन्य की तरह अपने धार्मिक जुनूनों पर आधारित आतंकवाद के कृत्य करते थे। पुरे यूरोप की बात करें तो 1% से कम आतंकवादी हमले ही मुसलमानों द्वारा किए गए थे।

यूरो पोल के आंकड़ों के मुताबिक़ साल 2009 में यूरोप में 249, साल 2010 में 294 चरमपंथी हमले हुए. इनमें 2009 में केवल एक हमले में संदेह किसी मुसलमान पर गया और 2010 में तीन घटनाओं में मुसलमानों के शामिल होने की बात सामने आई. दुनिया भर में होने वाली चरमपंथी घटनाओं के बारे में जानकारी इकट्ठा करने वाले संगठन ग्लोबल टेररिज़्म डेटाबेस के मुताबिक़ साल 1970 के बाद से 1,70,000 चरमपंथी घटनाएं हुई हैं. जिसमें 1970 से 83,000 से अधिक बम विस्फोट, 18,000 हत्याएं और 11,000 अपहरण शामिल है.

आतंकवाद पर प्रकाशित होने वाली रिपोर्ट ग्लोबल टेरेरिज़्म इंडेक्स 2014 के अनुसार साल 2013 में दुनिया भर में 10 हजार आतंकवादी हमले हुए हैं जो 2012 की तुलना में 44 प्रतिशत ज़्यादा हैं, इन हमलों में 17958 लोग मारे गए। रिपोर्ट के अनुसार आतंकवादी हमलों में होने वाली 80 प्रतिशत मौतें इराक़, सीरिया, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और नाईजीरिया में हुई हैं। जिनमें कुल मिलाकर 14722 लोग मारे गए हैं, रिपोर्ट के अनुसार 162 देशों में आतंकवाद से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाला देश इराक़ है, पाकिस्तान तीसरे स्थान पर है।

इंडेक्स के अनुसार 2013 में पाकिस्तान में 1933 हिंसक घटनाएं हुई जिसमें 2345 लोग मारे गए और 5035 लोग घायल हुए. इस सूची के अनुसार भारत पांचवें नंबर पर है। बहुत से मुस्लिम बहुल देशों में शांति है और वहां अभी आतंकवाद का साया नहीं पड़ा है। उनमें क़तर, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत आदि शामिल हैं। दुनिया के दूसरे हिस्सों में आतंकवाद के कारणों में राजनीतिक, राष्ट्रवाद और अलगाववादी आंदोलन शामिल हैं।