गैस की क़ीमत का मसला ,मर्कज़ और रिलाइंस को सुप्रीम कोर्ट की नोटिसें

क़ुदरती गैस की क़ीमत में इज़ाफे के हुकूमत का मुतनाज़ा फ़ैसला अदालत की जांच के तहत आगया जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का जायज़ा लेने से और मर्कज़ और रिलाइंस इंडस्ट्रीज़ लिमेटेड (आर आई एल ) को नोटिसें जारी करने से इत्तेफ़ाक़ करलिया । सुप्रीम कोर्ट की एक बेच ने जिस की सदारत चीफ़ जस्टिस पी सत्ता सीवम कररहे थे ।

सी पी आई के रुकन पार्लियामेन्ट गुरु दास दास गुप्ता की दरख़ास्त मफ़ाद-ए-आम्मा पर कार्रवाई करते हुए मर्कज़ और आर आई एल को नोटिसें जारी करदी । दास गुप्ता ने इल्ज़ाम आइद किया था कि जहां हुकूमत ने क़ुदरती गैस की क़ीमत में इज़ाफ़ा कर दिया है वहां उसकी सरबराही पर ज़रूरी तवज्जु नहीं दी जा रही है ।

दरख़ास्त में कहा गया है कि इस मसले का जायज़ा लेने की ज़रूरत है और इबतिदाई मरहले में दरख़ास्त मुस्तर्द नहीं की जा सकती । अदालत ने फ़रीक़ैन को हिदायत दी कि वो अपने जवाब अंदरून चार हफ़्ते दाख़िल करें । मुक़द्दमें की समाअत छः सितंबर को मुक़र्रर की गई है ।

हुकूमत ने फ़ैसला किया है कि क़ुदरती गैस की क़ीमत 4.2 अमरीकी डालर फ़ी एम बी टी यूनिट से इज़ाफ़ा कर के एक अप्रैल 2014 से 8.4 अमरीकी डालर फ़ी एम बी टी यू करदी जाये । नई क़ीमत पर हर तीन माह में एक बार नज़र-ए-सानी का भी ऐलान किया गया है ।

सरकारी ज़ेर-ए-इंतेज़ाम कंपनीयों ऑयल इंडिया लिमेटेड और नेचुरल गैस कारपोरेशन और ख़ानगी कंपनीयों जैसे आर आई एल की क़ीमतें मुसावी होना चाहीए ।रुकन पार्लियामेन्ट के वकील कोलिन गिनिज़ अलवीज़ ने कहा कि क़ीमत में इज़ाफे के फ़ैसले पर नज़र-ए-सानी ज़रूरी है क्योंकि मौजूदा वज़ीर पैट्रोलीयम और उन के पेशरू ने विज़ारत के सीनीयर ओहदेदारों की राय को नज़र अंदाज कर दिया था ।

सी पी आई के रुकन पार्लियामेन्ट गुरु दास दास गुप्ता मुक़द्दमें की समाअत में शख़्सी तौर पर हाज़िर थे । उन्होंने प्रैस कान्फ़्रैंस में कहा कि उन्हें दरख़ास्त मफ़ाद-ए-आम्मा मजबोरा दाख़िल करनी पड़ी क्योंकि वज़ीर-ए-आज़म ने उनकी शिकायत पर किसी भी कार्रवाई से इनकार कर दिया था ।