गोधरा मामले में फ़ासी की सजा सुनाने वाले जज को रिटायर होने के बाद गुजरात सरकार में मिला बड़ा पद

2002 के गोधरा ट्रेन हमला मामले में जज के रूप में 11 दोषियों को फांसी की सजा सुनाने वाले गुजरात उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल पीआर पटेल को सेवानिवृत्त होने वाले दिन ही गुजरात सरकार ने विशेष अधिकारी (न्यायिक कार्यवाही) नियुक्त कर दिया.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पीआर पटेल ने राज्य सरकार के कानून विभाग में 1 जनवरी से अपना नया पदभार संभाल लिया है. वह जून 2017 में उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के पद से सेवानिवृत्त हो गए थे लेकिन 31 दिसंबर, 2018 तक दो बार उन्हें उनके पद पर पुनर्नियुक्त किया गया था.

पटेल की नियुक्ति वाले कानून विभाग के 31 दिसंबर के आदेश के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट और गुजरात उच्च न्यायालय में गुजरात सरकार के लंबित मामलों को घटाने और केसों की तेजी से सुनवाई के लिए सेवानिवृत्त रजिस्ट्रार जनरल की सेवाओं से मुक्त हो रहे पीआर पटेल को सेवानिवृत्ति के उपरांत कानून विभाग में संयुक्त सचिव (न्यायिक) के खाली पद की जगह अनुबंध के आधार पर विशेष अधिकारी (न्यायिक कार्यवाही) नियुक्त किया जा रहा है.

इसमें कहा गया है कि वेतन के रूप में पीआर पटेल को सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाली राशि दी जाएगी वहीं इसमें पेंशन शामिल नहीं होगा.

आदेश के अनुसार, पटेल की नियुक्ति एक साल के अनुबंध के तौर पर हुई है. वहीं उन्हें सरकार द्वारा सौंपी गई कोई अन्य जिम्मेदारी भी संभालनी पड़ सकती है.

इस पर पटेल ने कहा कि नई नियुक्ति के तहत वे कोई न्यायिक फैसला नहीं लेंगे. उन्होंने कहा, ‘गुजरात सरकार संबंधी मामलों की तेज सुनवाई के लिए मैं ऐसे मामलों की निगरानी करूंगा. यदि ऐसा कोई मामला आता है जिससे पूर्व में मैं जुड़ा रहा हूं तो मैं उस पर अपनी राय देने से मना कर सकता हूं. न्यायिक अधिकारी ऐसा करते रहते हैं.’

उन्होंने कहा कि उनका मुख्य काम गुजरात सरकार के अलग-अलग विभागों के मुकदमों को ऊपरी अदालतों के साथ को-ऑर्डिनेट करना है.

मध्य गुजरात के आनंद जिले में स्थित पेटलाद से आने वाले 62 वर्षीय पटेल ने 1982 में सिविल जज के रूप में अपनी न्यायिक सेवा की शुरुआत की थी. अपनी 35 सालों की न्यायिक सेवा में वे वडोदरा, जामनगर, राजकोट, पंचमहल और अहमदाबाद (ग्रामीण) में मुख्य जज के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं.