ग्रामीणों ने डीएसपी-एएसपी को घसीट कर चप्पलों से मारा, फायरिंग में एक की मौत

रांची: शनिवार को सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन और स्थानीय नीति के विरोध में आयोजित आक्रोश रैली में शामिल होने आ रहे ग्रामीणों को रोकने पर भीड़ हिंसक हो गई. खूंटी के मुरहू के साइको में ग्रामीणों की पुलिस के साथ हुई झड़प में जहां पुलिस के जवान और ग्रामीण घायल हुए, वहीं ग्रामीणों को नियंत्रित करने की कोशिश में हुई फायरिंग में एक ग्रामीण की मौत हो गई.

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PRADESH 18 के अनुसार, खूंटी के मुरहू थाना क्षेत्र के साइको में आक्रोश रैली के लिए जमा ग्रामीणों को नियंत्रित करने पहुंची पुलिस पर ग्रामीणों ने हमला बोल दिया. पारम्परिक हथियारों से लैस ग्रामीणों के हमले में खूंटी के डीएसपी और उनके गार्ड नागेंद्र शर्मा समेत चार पुलिसकर्मी घायल हो गए.

 

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इसी बीच पास से गुजर रहे खूंटी के एएसपी अभियान अनुराग राज और डीएसपी समेत अन्य पुलिसकर्मियों को पेड़ से बांधकर पीटा गया. उन्हें घसीट कर जंगल ले जाया गया और इस दौरान चप्पलों से उनकी पिटाई भी की गई.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूरा वाक्या करीब ढाई घंटे तक चला. इसके बाद खूंटी एसडीपीओ के पहुंचने पर भीड़ को हटाने के लिए फायरिंग की गई जिसमें अब्राहम मुंडू नामक ग्रामीण की मौत हो गई. वहीं तीन ग्रामीण घायल हो गए. तीनों घायलों को रिम्स भेजा गया है.
सीएम रघुवर दास ने ग्रामीणों और पुलिस के बीच हुई इस हिंसक झड़प की निंदा की है. उन्होंने कहा कि हिंसा का समाज में कोई स्थान नहीं है. मुख्यमंत्री ने मृतक के परिजनों को दो लाख रुपए मुआवजा देने की भी घोषणा की है. फिलहाल सभी पुलिस कर्मियों को ग्रामीणों के कब्जे से छुड़ा लिया गया है.
आप को बता दें की इसी साल अक्टूबर में हजारीबाग के बड़कागांव में एनटीपीसी के विरोध में धरने पर बैठे लोगों और पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई थी. स्थानीय विधायक को गिरफ़्तार करने पहुंची पुलिस पर लोगों ने पथराव कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को क़ाबू करने के लिए फायरिंग की, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी.