चयनकर्ताओं द्वारा कप्तानी के भविष्य पर चर्चा करने पर, धोनी ने छोड़ी कप्तानी

नई दिल्ली: महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी छोड़ने का अहम् कारण बुधवार को नागपुर में झारखंड और गुजरात के बीच रणजी सेमीफाइनल का मुकाबला रहा. माही इस सीजन में झारखंड टीम के मेंटोर की भूमिका निभा रहे थे. मैच देखने के लिए मुख्य चयनकर्ता प्रसाद भी मौजूद थे. यहां मौजूद मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने धौनी से उनकी कप्तानी पर राय जाननी चाही तो उन्होंने कुछ देर विचार करने के बाद इसे छोड़ने का ऐलान ही कर डाला.

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हिंदुस्तान के अनुसार, इंग्लैंड के खिलाफ 15 जनवरी से वनडे सीरीज शुरू होने वाली है, जिसके लिए. टीम का चयन 6 जनवरी को मुंबई में होना है, इसी सिलसिले में प्रसाद ने धौनी से बात की. बातों-बातों में चयनकर्ताओं ने धौनी से उनकी कप्तानी के भविष्य का जिक्र भी छेड़ा. चयनकर्ताओं और कप्तान के बीच इस तरह की बातचीत आम बात है. पर धौनी शायद चयनकर्ताओं का इशारा समझ गए और उन्होंने स्थिति साफ करने में ज्यादा देर नहीं की. रात होते-होते धौनी ने वनडे और टी-20 की कप्तानी छोड़ने का ऐलान कर दिया.

धोनी के अचानक लिए गए इस फैसले से चयनकर्ता भी अचंभित रह गए. सूत्रों के मुताबिक चयनकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने धौनी से कप्तानी को लेकर बात जरूर की थी लेकिन उन पर इसे छोड़ने का कोई दवाब नहीं डाला गया था. उन्हें ये नहीं मालूम था कि धौनी एकाएक कप्तानी छोड़ने का फैसला लेंगे.

वही बीसीसीआई ने इस पर ट्वीट किया. फिर बयान में कहा कि धौनी ने बोर्ड को सूचित किया है कि वह वनडे और टी2-0 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से भारतीय कप्तान का पद छोड़ने का इच्छुक है. हालांकि उन्होंने चयन समिति को सूचित किया है कि वह इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी-20 मैचों के लिए उपलब्ध रहेंगे. 2014-15 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चार टेस्ट मैचों की सीरीज में वे अचानक टेस्ट कप्तानी छोड़ दी थी. वहां भारतीय टीम दो टेस्ट हारकर 0-2 से पीछे चल रही थी. बता दें कि तीसरा टेस्ट मेलबर्न में खेला जाना था. तब धौनी ने सीरीज के बीच में ही टेस्ट कप्तानी छोड़ चौंका दिया.