चारा घोटाले में नीतीश कुमार को राहत

रांची : बिहार के वज़ीरे आला नीतीश कुमार को चारा घोटाले का मुलजिम बनाने के लिए दायर याचिका बुध को झारखंड हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। जस्टिस आरआर प्रसाद की अदालत ने कहा कि इस मामले में जो भी नुक्ते उठाए गए हैं, उन पर निचली अदालत ने गौर किया है। इसमें किसी किस्म का मेरिट नहीं है। इस वजह से यह दरख्वास्त कुबूल नहीं की जा सकती। साबिक में लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने हुक्म महफूज़ रख लिया था। दरख्वास्त मिथिलेश कुमार सिंह ने दायर की थी।

क्या था दरख्वास्त में : मिथिलेश सिंह ने कहा था कि चारा घोटाले का पैसा बिहार के मौजूदा वजीरे आला नीतीश कुमार को भी मिला है। घोटाले के अहम मुलजिम मरहूम श्याम बिहारी सिन्हा ने 1995 में उन्हें 1.15 करोड़ रुपए उस वक़्त दिए थे, जब वह इन्तिखाब लड़ रहे थे। सिन्हा के 161 के तहत सीबीआइ को दिए गए बयान की तस्दीक मामले के तहकीकात अफसर ने भी निचली अदालत में की है। अदालत को बताया गया कि श्याम बिहारी सिन्हा ने यह बयान मौजूदा तहकीकात ओहदेदार मनोज कुमार शर्मा के सामने दिया था। बयानों की तस्दीक भी निचली अदालत में जिरह के दौरान की गई थी। बयान कांड नंबर आरसी 20ए/96 में लिया गया था।

कई लोगों के ज़रिये से दिया गया था पैसा

दरख्वास्त में में मौजूदा तहकीकात कर रहे अफसर के उस बयान का हवाला दिया गया था, जिसमें कहा गया है कि सिन्हा ने कहा है कि नीतीश को कई लोगों के ज़रिये से यह रक़म दी गयी थी। 1995 में एक करोड़ रुपए विजय कुमार मल्लिक,10 लाख महेंद्र प्रसाद और पांच लाख रुपए आरके राणा के के ज़रिये से दिए गए थे।

उस बयान की भी तस्दीक की गई, जिसमें शिवानंद तिवारी, राधानंदन झा, एमएस दास, गुलशन लाल आजमानी और एजी ऑफिस को भी पैसे देने की बात कही गयी है । इस वजह से नीतीश कुमार और दीगर लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए।