चीन में पाकिस्तान से पहुंचा पोलियो

22 सितंबर: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पुष्टि की है कि चीन में फैलने वाला पोलियो पाकिस्तान से पहुंचा है. चीन पिछले एक दशक से पोलियो मुक्त देश था.

स्वास्थ्य संगठन के एक बयान में कहा गया है कि पोलियो के एक प्रकार की चीन में पहचान की गई है जो कि पाकिस्तान में पाए जाने वाले पोलियो वायरस से मिलता-जुलता है.

इससे जुड़ी और सामग्रियाँबन रहा है पोलियो का नया टीकापोलियो मुक्त हो सकती है दुनियासंगठन के मुताबिक़ चीन में कम से कम साल लोग पाकिस्तान से आए इस पोलियो वायरस से पीड़ित हैं.

सीमावर्ती इलाके़

ये सभी लोग चीन के सुदूर पश्चिमी ज़िंजियांग प्रांत के रहने वाले हैं जिसकी सीमा पाकिस्तान से मिलती है.

इससे पहले वर्ष 1999 में भारत से पोलियो वायरस चीन पहुंचा था.

मूल रूप से चीन में पाए जाने वाले वायरस का आख़िरी मामला वर्ष 1994 में प्रकाश में आया था.

पाकिस्तान वैसे कुछ देशों में है जहां पोलियो के वायरस का उन्मूलन नहीं किया जा सका है.

पाकिस्तान में अभी भी पोलियो एक बड़ी समस्या है
स्वास्थ्य अधिकारी कुछ समय से चेतावनी दे रहे हैं कि इनसान को अपंग बनाने वाला पोलियो वायरस पाकिस्तान के ऐसे इलाक़ों में भी फैल रहा है जहां ये पहले नहीं पाया जाता था.

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि पाकिस्तान से पोलियो के अन्य देशों में फैलने की आशंका काफ़ी ज़्यादा है क्योंकि वहां से बड़ी संख्या में लोग हज के लिए मक्का जाते हैं.

पोलियो (पोलियोमेलाइटिस) बेहद संक्रामक बीमारी है जो इनसान के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है और कई मामलों में इससे लकवा मारने की आशंका रहती है.

ये बीमारी दूषित खाद्य पदार्थ, पीने के पानी और मल-मूत्र से फैलती है.

ज़रूरी क़दम
मंगलवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि जिंजियांग में पोलियो के मामले पिछले दो महीने में प्रकाश में आए हैं.

चीनी अधिकारी पीड़ित लोगों की जांच कर रहे हैं और इलाक़े में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है.

डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी रॉयटर को बताया, ”समस्या के समाधान के लिए सभी ज़रूरी क़दम उठाए गए हैं.”

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष यानी यूनिसेफ़ का कहना है कि पाकिस्तान में पोलियो का उन्मूलन सभी बच्चों को पिलाए जाने वाले टीके की ख़ुराक देने पर निर्भर करता है.

पश्चिमी गोलार्ध से पोलियो बीसवीं सदी में ही लगभग ख़त्म हो चुका है.