खलीज ओमान की अलतुर्की कंपनी में कम मजदूरी मिलने के खिलाफ हड़ताल पर बैठे मजदूरों को कंपनी के कैंप में ही यर्गमाल बना लिया गया है। हड़ताल में शामिल हजारों मजदूरों में छपरा के भी दर्जनों लोग शामिल हैं। इसकी इत्तिला अल तुर्की कंपनी में काम कर रहे छपरा जिला के एकमा ब्लॉक के आमडाढ़ी पंचायत रिहायसी चंदन कुमार ने अपने वालिद सत्येंद्र सिंह और अपने चाचा आमडाढ़ी पंचायत के मुखिया ओमप्रकाश सिंह को मोबाइल पर दी है। इत्तिला मिलते ही अहले खाना ने जुमा को जिला अफसर से मिलकर यर्गमाल बने लोगों को आज़ाद कराने की गुहार लगाई। इत्तिला मिलने के बाद से यर्गमाल बने लोगों के अहले खाना बेहाल हैं।
उन्हें किसी अनहोनी की भी फिक्र सता रही है। मुखिया ओमप्रकाश ने बताया कि ओमान की अल तुर्की कंपनी में आमडाढ़ी पंचायत के तकरीबन आठ लोग काम करते हैं। इसके अलावा छपरा के मुखतलिफ़ ब्लॉकों के भी कई लोग वहां काम करते हैं। बताया जाता है कि छह दिन से वहां काम करने वाले लोग भूख हड़ताल पर हैं। इन लोगों को कंपनी के कैंप में ही यर्गमाल बना लिया गया है। अहले खाना ने लेबर महकमा के अफसरों से भी मांग की है कि जो मजदूर वहां फंसे हैं उन्हें जल्द आज़ाद कराया जाए।
इस दरमियान यह बात सामने आ रही है कि हड़ताल में शामिल मुलाज़मीन को कंपनी वापस भारत भी भेज सकती है। बताया जाता है कि पहले भी कई लोगों को कंपनी उनके घर भेज चुकी है। ओमान की अल तुर्की कंपनी में बिहार और यूपी के लगभग दो से ढाई हजार लोग काम करते हैं, जिसमें छपरा और सिवान के करीब डेढ़ सौ लोग शामिल हैं। कम मजदूरी देने का ये लोग कई दिनों से मुखालिफत करते आ रहे थे। इसी वजह कंपनी ने इन मजदूरों को अपने कैंप में यर्गमाल बना लिया है। इस मुतल्लिक़ जिला अफसर कयूम अंसारी ने बताया कि इसकी जानकारी ली जा रही है।
जल्द ही इस मामले में पहल की जाएगी और यर्गमाल बने लोगों को वहां से आज़ाद कराया जाएगा। इस सिलसिले में लेबर महकमा के राजेश कुमार ने बताया कि अभी कोई ऐसी इत्तिला मुझे नहीं मिली है। अगर कोई इत्तिला मिलती है तो सफारत खाने के जरिये तमाम को वहां से आज़ाद कराने की पहल की जाएगी।