जब क़ियादत की तरह सरकारी मह्कमाजात भी सर्द पड़जाते हैं

हैदराबाद 03 मई: मुसलमानों की तालीमी, समाजी और मआशी पसमांदगी का जायज़ा लेने के लिए क़ायम करदा सुधीर कमीशन आफ़ इन्क्वारी अगरचे मुक़र्ररा मीयाद के दौरान हुकूमत को रिपोर्ट पेश करने में दिलचस्पी रखता है लेकिन सरकारी मह्कमाजात के अदम तआवुन के सबब कमीशन को दुशवारीयों का सामना है। बावसूक़ ज़राए ने बताया कि कमीशन ने तमाम सरकारी मह्कमाजात से मुसलमानों की रोज़गार में हिस्सादारी के बारे में जो तफ़सीलात तलब की हैं, वो कमीशन को हासिल नहीं हुई।

तालीमी और समाजी पसमांदगी के बारे में मुताल्लिक़ा सरकारी मह्कमाजात से रिपोर्ट मांगी गई है ताकि अपनी रिपोर्ट में इस का हवाला देते हुए हुकूमत से रिजर्वेशन की फ़राहमी की सिफ़ारिश की जा सके। रिटायर्ड आई एएस ओहदेदार जी सुधीर और कमीशन के तीन अरकान वक़फे वक़फे से मीटिंग मुनाक़िद करते हुए सरकारी मह्कमाजात से हासिल होने वाली तफ़सीलात का जायज़ा ले रहे हैं। बताया जाता है कि बमुश्किल 30 फ़ीसद मह्कमाजात ने कमीशन को तफ़सीलात रवाना की लेकिन उनमें से बेशतर मह्कमाजात की तफ़सीलात ना-मुकम्मिल है।

कमीशन जिस अंदाज़ में तफ़सीलात चाहता है , वो रवाना नहीं की जा रही हैं। कमीशन की तरफ से सरकारी मह्कमाजात को बारहा तवज्जा दहानी का कोई असर नहीं हुआ। एसा महसूस होता है कि मुसलमानों को रिजर्वेशन की फ़राहमी की मुख़ालिफ़त करते हुए सरकारी मह्कमाजात में मौजूद ओहदेदार रिपोर्ट पेश करने से गुरेज़ कर रहे हैं।

मह्कमाजात में मौजूद मुख़ालिफ़ मुस्लिम और मुख़ालिफ़ रिजर्वेशन अनासिर नहीं चाहते कि कमीशन को मुसलमानों की पसमांदगी और सरकारी इदारों में अदम नुमाइंदगी के बारे में हक़ीक़ी सूरते हाल पेश की जा सके। कमीशन आफ़ इन्क्वारी को तफ़सीलात के हुसूल में सरकारी मह्कमाजात की सर्दमहरी का सामना है। बताया जाता है कि कमीशन ने मह्कमाजात के इस रवैये के बारे में हुकूमत की तवज्जा मबज़ूल की लेकिन फिर भी मह्कमाजात का रवैया तबदील नहीं हुआ। जब तक तमाम सरकारी इदारे मुस्लिम नुमाइंदगी के बारे में तफ़सीलात पेश नहीं करते, उस वक़्त तक सरकारी मुलाज़िमतों में हक़ीक़ी सूरते हाल का पता नहीं चलेगा।

कमीशन ने अपने तौर पर सर्वे का आग़ाज़ किया है, जिस के लिए एक ग़ैर सरकारी इदारे की ख़िदमात हासिल की गईं। इस सर्वे में 10 सफ़हात पर मुश्तमिल सवालनामा अवाम के ज़रीये पुर किया जा रहा है। बताया जाता है कि ये सर्वे इख़तेतामी मराहिल में है। हुकूमत ने कमीशन की मीयाद में सितंबर तक तौसी कर दी है और जी सुधीर और उनकी टीम सितंबर से पहले अपनी रिपोर्ट बहरसूरत पेश करना चाहते हैं।