जवानी में अमराज़ से तहफ़्फ़ुज़ , माँ की ममता से मुम्किन

न्यूयार्क, ३१ जनवरी (एजैंसीज़) माँ का प्यार ना सिर्फ अनमोल है बल्कि वो बच्चों को जवानी में कई अमराज़ से बचाने का काम भी करता है। ये बात अमेरीका में होने वाली एक तिब्बी तहक़ीक़ में सामने आई है।

मीसा चोस्ट्स् से ताल्लुक़ रखने वाली ब्रांडीज़ यूनीवर्सिटी के तहत होने वाली तहक़ीक़ के मुताबिक़ एक माँ जो अपने बच्चों की तर्बीयत और निगहदाशत करती है। इन की अच्छी सेहत की भी ज़ामिन बन जाती है। चाहे बच्चे ग़ुर्बत में ही क्यों ना पले बढ़े हूँ। माहिरीन तिब्ब का पहले कहना था कि ग़रीब इलाक़ों में रहने वाले बच्चों को लड़कपन में अमराज़ का ज़्यादा सामना होता है, ताहम नई तहक़ीक़ में इस तास्सुर की नफ़ी की गई है।

तहक़ीक़ के मुताबिक़ ग़ुर्बत के बाइस बच्चों में तनाव की कैफ़ीयत ज़्यादा बढ़ जाती है जो बादअज़ां ज़ियाबीतस और बुलंद फ़िशार ख़ून का सबब बनती है, ताहम अगर ये बच्चे एक शफ़ीक़ माँ के हाथों पले बढ़े तो उन की सेहत इन बच्चों के मुक़ाबले में ज़्यादा बेहतर होती है जो माँ से महरूम होते हैं। तहक़ीक़ के इस की वजह माँ की जानिब से बच्चे के जज़बात का एहसास करना और उसे अपनी ज़ात का एहतिराम सीखाना होता है।