जहां कुत्ता हो वहां रहमत के फ़रिश्ते नहीं आते

ग़ज़वा-ए-बदर में शामिल सहाबी हज़रत अबू तलहा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०)ने फरमाया, रहमत के फ़रिश्ते उस घर में दाख़िल नहीं होते, जिस में कुत्ता या तस्वीर हो। हज़रत इब्न अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु फ़रमाते हैं कि तस्वीरों से यहां जानदार की तस्वीरें मुराद हैं। (बुख़ा रीशरीफ)