ज़िला करीमनगर के DSC-2012 में नाइंसाफ़ी

ज़िला करीमनगर ट्रेंड टीचर्स गर्लस विंग का इजलास स्कालर्स स्कूल जगत्याल में मुनाक़िद हुआ । जिसमें ये तास्सुर पेश किया गया कि ज़िला करीमनगर जहां कसीर मुस्लिम आबादी मुक़ीम है यहां पर मुस्लमानों के कई मसाइल हल करने में मुस्लिम रहनुमा और उर्दू यूनीयन नाकाम हैं ।

हुकूमत ने DSC-2012 का आलामीया जारी किया जिसमें उर्दू एस जी टी की सिर्फ 4 जायदादों की निशानदेही की गई जबकि ज़िला के ट्रेंड टीचर्स ने RTI-2005 के तहत ज़िला करीमनगर में 30 एस जी टी मख़लवा जायदादों की रिपोर्ट हासिल की है । जब ज़िला के ट्रेंड टीचर्स ने इस नाइंसाफ़ी को लेकर कई बार सयासी रहनुमाओं और मुस्लिम रहनुमाओं और टीचर्स यूनीयन से रब्त पैदा किया लेकिन ज़िला करीमनगर के मुस्लिम रहनुमाओं और उर्दू यूनीयन जो हमेशा अपनी ब्यान बाज़ी से उर्दू को सातवें आसमान तक पहूँचाते हैं और जब अमली काम की ज़रूरत होती है तब ये उर्दू के हमदर्द कोरे काग़ज़ की तरह सफेद नज़र आते हैं ।

जबकि दीगर ज़िला के मुस्लिम रहनुमाओं ने उर्दू की 7 जायदादों को बढ़ाते हुए 89 जायदादाओं की निशानदेही की है । महकमा तालीमात उर्दू से सौतेला सुलूक कर रहे हैं । इन ओहदेदारों की लापरवाही सिर्फ उर्दू की जायदादों तक महिदूद रहती है । ज़िला करीमनगर के वज़ीर जनाब सिरी धर बाबू भी उर्दू के मसाइल हल करने में नाकाम रहे हैं ।

अगर सिरी धर बाबू इस मुआमला पर अपनी ख़ुसूसी तवज्जा दें तो आसानी से उर्दू मीडियम एस जी टी जायदादों में इज़ाफ़ा कर सकते हैं और ज़िला करीमनगर के मुस्लिम सयासी रहनुमाओं और उर्दू के तनज़ीमों से गुज़ारिश की जाती है कि ज़िला करीमनगर के DSC-2012 के आलामीया में उर्दू मीडियम से हुई नाइंसाफ़ी की रहनुमाई करें और मख़लवा जायदादों में इज़ाफ़ा करें ।