जानिए, क्या होता है अंतरराष्ट्रीय आतंकीयों की सूची में शामिल होने का मतलब?

मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट यानी वैश्विक आतंकी घोषित करवाने की भारत की मुहिम को चीन ने झटका दिया है. अब कम से कम छह महीने तक मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित नहीं किया जा सकेगा. क्या होता है ग्लोबल टेररिस्ट?

किसी भी व्यक्ति को वैश्विक आतंकी घोषित करने का फैसला यूएन सुरक्षा परिषद करती है. इसमें अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस स्थाई सदस्य हैं और दस अस्थाई सदस्य होते हैं.

किसी को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए सभी स्थाई सदस्यों की सहमति जरूरी होती है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति प्रस्ताव 1267, जिसे आइएसआइएल (दाएश) और अलकायदा अनुमोदन सूची भी कहा जाता है, में उस व्यक्ति का नाम दर्ज करना होता है.

डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, इस सूची में नाम आने के बाद वह व्यक्ति वैश्विक आतंकी घोषित हो जाता है. इसमें तीन कार्रवाई प्रमुख हैं. संपत्ति जब्त- ऐसे व्यक्ति की संपत्ति जिस देश में होगी उसी देश द्वारा तुरंत जब्त की जाएगी. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वैश्विक आतंकी घोषित किए गए व्यक्ति को किसी तरह की वित्तीय मदद कहीं से न मिल रही हो.

यात्रा करने पर प्रतिबंध- सभी देश ऐसे व्यक्ति का अपनी सीमाओं में प्रवेश रोकेंगे. वो जिस देश में होगा वहां उसे किसी तरह की यात्रा नहीं करने दी जाएगी.

हथियारों का प्रतिबंध- सभी देश ऐसे व्यक्ति को किसी भी तरह के हथियार मुहैया करवाए जाने पर प्रतिबंध लगाएंगे. सभी हथियारों की आपूर्ति और खरीद-फरोख्त रोकी जाएगी. इसमें छोटे हथियारों से एयरक्राफ्ट तक शामिल हैं. हथियार बनाने में काम आने वाले सामान और तकनीकी सहायता देना भी प्रतिबंधित होता है.

सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों में से कोई देश इसका प्रस्ताव लाता है. बाकी सदस्य देश इस पर अपना मत रखते हैं. स्थाई सदस्यों के पास वीटो पावर होता है. मतलब ऐसे प्रस्ताव पर पांचों स्थाई सदस्यों का सहमत होना जरूरी है.

अगर ऐसा नहीं हुआ तो प्रस्ताव पास नहीं होता. प्रस्ताव आने के बाद 10 कार्य दिवसों तक इस पर आपत्तियां मांगी जाती हैं. अगर कोई स्थाई सदस्य आपत्ति दर्ज नहीं करवाता तो प्रस्ताव पास हो जाता है. 27 फरवरी को फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने का प्रस्ताव रखा.

13 मार्च को इसके 10 कार्य दिवस पूरे हो रहे थे. लेकिन चीन ने वीटो कर दिया और यह प्रस्ताव कम से कम छह महीने के लिए रुक गया. यह आपत्ति तीन महीने और बढ़ाई जा सकती है. इसके बाद फिर से प्रस्ताव लाया जा सकता है.

आदर्श परिस्थितियों के मुताबिक तो ऐसा होना जरूरी है लेकिन कई दफा ऐसा नहीं होता है. जैसे दाउद इब्राहिम और हाफिज सईद दोनों को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया हुआ है.

फिर भी हाफिज सईद और दाउद इब्राहिम दोनों पाकिस्तान में हैं. दाउद इब्राहिम के कई बार विदेश जाने की भी खबरें आती रहती हैं. यह उस देश पर निर्भर करता है कि वह इन प्रतिबंधों को किस तरह मानता है.