जानिए: यौन संबंधों में क्या होता है इस अहसास मतलब!?

ऑर्गेज़्म कामुकता के भाव होते हैं जो कि महिलाओं के संवेदशील अंगों को स्पर्श करने से सक्रिय होता है. बात महिलाओं से अश्लील बातें करने से भी यह  जाग्रत हो जाता है. निरंतर ऑर्गेज्म पाते रहने से आप चरम सुख या चरम संतुष्टि तक पहुंच जाते हैं और इस स्थिति में आपका शरीर आनंद से भर हुआ मदहोशी में पहुंच जाता है.

यह सेक्स का क्लाइमेक्स होता है जिसका आप पूरी तरीके आनंद लेते हैं. निरंतर ऑर्गेज़्म पाते रहने से क्लाइमेक्स में 20-30 सेकंड पहले ही आपको चरमानंद अनुभूति होती है. इस स्थिति में पहुंचकर आप पूरी तरीके से मदहोश हो जाते हैं और आपका शरीर बिस्तर पर उस दौरान मृत सा अजगर के पैसे फ़ैल जाता है.  

जहाँ चरम सुख में मर्दों का लिंग शांत पड़ जाता है और उनकी कुछ भी करने की इच्छा होती तो वहीँ इस दौरान योनि में संकुचन हृदय धड़कन जैसा होने लगता है ऐसे में एकाग्रता बढ़ा लेना अच्‍छा रहता है. पुरुष भी अपनी देह पर पकड़ अनुभव करते हैं.

ये स्थिति उनके लिए सफल सेक्स का बहुत बड़ा साइलेंट कम्युनिकेशन है. बता दें कि  जब आप चरमानंद तक नहीं पहुंचते हैं तो आपके मन में  मन बेचैन, उद्विग्न, अकारण परेशान होता है. 

साभार- ‘न्यूज 18’