जी एसटी ”बड़ा गेम ”चेंजर साबित होगा: प्रणब मुखर्जी

कोलकाता: अगले आठ बरसों में दो तिहाई हिंदुस्तानी आबादी की उम्र रोज़गार वाली होगी जिन्हें सूदमंद तौर से बारोज़गार बनाने में नाकामी के मुआशरे पर दूरगामी ख़राब परिणाम हो सकते हैं, इस चेतावनी के साथ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज एंटर परीनरशिप और हुनरमंदी का दायरा बढ़ाने पर-ज़ोर दिया।

यहां एकेडमिक ऐंड इकनॉमिक रीफार्मस। रोल आफ़ कोस्ट एंडमंजमंट अकाउंट्स पर एक वैश्विक सैमीनार के उद्घाटन सत्र से ख़िताब करते हुए मिस्टर मुकर्जी ने कहा कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने को खुश दिशा बनाने में एक तरफ़ जहां एक‌ जुलाई से जीएसटी एक बड़े खेल परिवर्तक की भूमिका निभाने जा रहा है वहीं इस रुख पर दूसरा बड़ा किरदार शिक्षा का है।

उन्होंने कहा कि हाइर एजूकेशन फिनांसिंग एजेंसी के स्थापना की हालिया सरकारी मंज़ूरी हिंदुस्तान का नक़्शा बदल सकती है जिसके पास760 यूनीवर्सिटीयां और38 हज़ार से ज़्यादा कॉलेज मौजूद हैं। उन्होंने इस बात पर ख़ुशी ज़ाहिर की कि दुनिया के 200 शीर्ष शिक्षण संस्थानों में अब तीन भारतीय संस्थान भी शामिल हो गए हैं लेकिन इससे यादा वह इस संख्या को बढ़ाने के प्रयासों से रुचि रखते हैं।