जूनियर डॉक्टर्स के मसाइल पर चीफ़ मिनिस्टर से नुमाइंदगी का तयक्कुन

हैदराबाद 31 जनवरी (सियासत न्यूज़ )टी आर ऐस रुकन असम्बली हरीश राव ने गांधी हॉस्पिटल पहुंच कर हड़ताली जूनियर डॉक्टर्स से मुलाक़ात की और उन की हड़ताली से इज़हार यगानगत किया । हरीश राव और टी आर इसके सीनीयर क़ाइद वजए रामाराव ने हरताल जूनियर डॉक्टर्स से उन के मसाइल की समाअत की । उन्हों ने यक़ीन दिलाया कि टी आर ऐस जूनियर डॉक्टर्स के मसाइल की यकसूई केलिए चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी से नुमाइंदगी करेगी।

टी आर ऐस अरकान असम्बली का एक वफ़द बहुत जल्द इस सिलसिला में चीफ़ मिनिस्टर से मुलाक़ात करेगा । हरीश राव ने कहा कि इन की पार्टी जूनियर डॉक्टर्स के मुतालिबात की मुकम्मल ताईद करती है और कल से टी आर ऐस कारकुन जूनियर डॉक्टर्स के साथ हड़ताल में शामिल होंगे ।

उन्हों ने कहा कि जूनियर डॉक्टर्स की ताईद में टी आर ऐस एहितजाजी प्रोग्राम क़तईयत देगी ।हरीश राव ने जूनियर डॉक्टर्स के साथ हुकूमत के रवैय्या को तन्क़ीद का निशाना बनाया और कहा कि गुज़शता कई दिन से जूनियर डॉक्टर्स अपने जायज़ मुतालिबात के हल केलिए भूक हड़ताल पर है ।

कई भूक हड़ताली डॉक्टर्स को तबीयत बिगड़ने पर दवाखाने में शरीक करना पड़ा लेकिन अफ़सोस कि हुकूमत ने जूनियर डॉक्टर्स को बातचीत केलिए मदऊ नहीं किया। उन्हों ने हुकूमत से मुतालिबा किया कि वो फ़ौरी जूनियर डॉक्टर्स से बातचीत करे और उन के मुतालिबात को क़बूल करने का ऐलान करे । जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल से सरकारी दवा ख़ानों में तिब्बी ख़िदमात पर असर पड़ा है और एहतिजाज में शिद्दत से सूरत-ए-हाल और भी संगीन रुख इख़तियार कर सकती है ।

हरीश राव ने इल्ज़ाम आइद किया कि रियास्ती हुकूमत सरकारी मुलाज़मीन के साथ जांबदारी का रवैय्या इख़तियार कररही है । सरकारी मुलाज़मीन हो निका जूनियर डॉक्टर्स उन के मसाइल की यकसूई में हुकूमत संजीदा नहीं है । उन्हों ने कहा कि किरण कुमार रेड्डी हुकूमत इंतिहाई हट धर्मी का मुज़ाहरा करते हुए मुलाज़मीन को उन के जायज़ हक़ से महरूम रखने की कोशिश कररही है ।

उन्हों ने कहा कि तेलंगाना के सरकारी मुलाज़मीन को भी मुआहिदे पर अमल ना करते हुए ज़हनी अज़ीयत से दो-चार किया गया है।आम हड़ताल के ख़ातमे के वक़्त हुकूमत ने मुलाज़मीन के साथ मुआहिदा किया था । लेकिन इस मुआहिदा पर आज तक अमल आवरी नहीं की गई । उन्हों ने कहा कि सीमा आंधरा से ताल्लुक़ रखने वाली ये हुकूमत तेलंगाना को इंसाफ़ देने में संजीदा नहीं है । तेलंगाना के मुलाज़मीन जानते हैं कि अलहदा रियासत के क़ियाम में ही उन्हें इंसाफ़ मिलेगा ।