जोवीनाइल ऐक्ट में तरमीम हुकूमत के ज़ेर-ए-ग़ौर नहीं: कृष्णा तीर्थ

नई दिल्ली 28 फ़रव‌री : वज़ीर बराए ख्वातीन-ओ-इतफ़ाल कृष्णा तीर्थ ने राज्यसभा में आज एक अहम बयान देते हुए कहा कि हुकूमत के पास जो वीनाइल जस्टिस ऐक्ट के तेहत बालिग़ कहलाए जाने वाले बच्चों की उम्र कम करने का कोई मंसूबा नहीं है ।

मज़कूरा क़ानून में तबदीली के मुतालिबा के साथ पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हुकूमत बच्चों की उम्र कम करने का कोई मंसूबा नहीं रखती । याद रहे कि वज़ारत उमूर दाख़िला रियास्ती हुकूमतों के चीफ़ सेक्रेटरीज़ और महिकमा पुलिस के डायरेक्टर जनरलस के साथ हुई मीटिंग में ये मश्वरा दिया गया था कि बच्चों की उम्र को कम किया जाये ( सन बलूग़ को पहुंचने वाली उम्र) और इस तरह उन्हें 18 साल की बजाय 16 साल उम्र में ही बालिग़ क़रार दिया जाये ।

ये मश्वरा दरअसल दिल्ली इजतिमाई इस्मतरेज़ि मुआमला के तनाज़ुर में दिया गया था जिस में एक नाबालिग़ लड़का भी मुल्ज़िमीन में शामिल था लेकिन जस्टिस जे एस वर्मा ( रिटायर्ड) की सदारत में काम कररही कमेटी ने अपनी सिफ़ारिशात में उम्र को कम करने के मश्वरा को नकार‌ दिया था ।

सिफ़ारिशात का इदख़ाल 23 जनवरी 2013-ए-को किया गया था । कृष्णा तीर्थ ने कहा कि इस फ़ैसले के तनाज़ुर में वज़ारत बहबूद ख्वातीन-ओ-इतफ़ाल भी बालिग़ लड़कों की उम्र में कमी पर कोई गौर व ख़ौस नहीं कररही है । बी जे पी जय‌ प्रकाश नारायण सिंह के ये पूछे जाने पर कि इस मुआमले में दीगर मश्वरों और सिफ़ारिशात पर कब ग़ोरोग़ोज़ किया जाएगा ।

कृष्णा तीर्थ ने कहा कि सिफ़ारिशात मुताल्लिक़ा वज़ारत के ज़ेर-ए-ग़ौर है । उन्होंने कहा कि ऐसे नाबालिग़ लड़के जो संगीन जुर्म का इर्तिकाब कृत्य यं उन्हें एलाहदा जो वीनाइल होमज़ में तीन साल केलिए रखा जाता है जहां उन्हें अच्छा शहरी बनने की तर्बीयत दी जाती है ।