जौहरी मुआहिदे की तौसीक़ हो गई

अमरीका के सदर बराक ओबामा ने कहा है कि अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की सलामती कौंसल में ईरान के जौहरी मुआहिदे की तौसीक़ से ये तास्सुर मिला है कि ईरान को जौहरी हथियारों की दौड़ से दूर रखने का ये सब से बेहतरीन हल है। अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की सलामती कौंसल ने ईरान और छः आलमी ताक़तों के दरमयान तै पाए जाने वाले जौहरी मुआहिदे की इत्तिफ़ाक़ राय से तौसीक़ की है।

15 अरकान की जानिब से पेश की जाने वाली मुशतर्का क़रारदाद में तौसीक़ की गई कि अगर ईरान अपने जौहरी प्रोग्राम को महिदूद करदे तो इस के ख़िलाफ़ पाबंदीयों भी उठा ली जाएंगी।

सदर ओबामा ने सलामती कौंसल में मुआहिदे की तौसीक़ का ख़ैर मक़दम करते हुए कहा कि इस से एक वाज़ेह पैग़ाम मिला है कि वो ममालिक जो मुज़ाकरात में शामिल नहीं थे लेकिन वो इस पर नज़र रखे हुए थे। उन के ख़्याल में भी यही मसले का बेहतरीन हल था।अमरीकी सदर ने कहा कि इस मसले पर बैन-उल-अक़वामी सतह पर इत्तिफ़ाक़ राय के बाद कांग्रेस भी इस इत्तिफ़ाक़ राय पर तवज्जा देगी।

इस से क़ब्ल 2006 और 2015 के दरमयान अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की सलामती कौंसल में सात क़रारद पेश की जा चुकी हैं जिन में ईरान की यूरेनियम की अफ़ज़ूदगी को रोकने की दरख़ास्त की गई थी। वाज़ेह रहे कि यूरेनियम की अफ़ज़ूदगी पुर अम्न मक़ासिद के लिए इस्तिमाल होसकता है ताहम इस से जौहरी हथियार भी तैय्यार किए जा सकते हैं।