ज्यादा महिलाओं से सेक्स संबंध बनाने पर एड्स की तरह हो सकती है यह खतरनाक बिमारी!

एसटीडी का पूरा नाम है- सेक्‍सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज यानी यौन संपर्क के कारण होने वाली बीमारियां। जो बीमारियां किसी दूसरे व्‍यक्ति के साथ शारीरिक संपर्क में आने के कारण फैलती हैं, विज्ञान की भाषा में उन्‍हें एसटीडी कहते हैं। जैसे एचआइवी/एड्स और जेनाइटल हर्प्‍स। इसका एक नाम एसटीआई यानी सेक्‍सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्‍शन भी है।

एसटीडी को लेकर कई तरह की गलत अवधारणाएं हैं कि यह कैसे और क्‍यों फैलता है। यह एक कॉमन भ्रम है कि किसी भी व्‍यक्ति के साथ यौन संपर्क में आने से एसटीआई की आशंका रहती है।

ऐसा नहीं है। एसटीआई की आशंका तभी होती है, जब आप किसी ऐसे व्‍यक्ति के साथ यौन संपर्क में हों, जो किसी यौन-जनित बीमारी या इंफेक्‍शन से पीड़ित है।

एक से अधिक व्‍यक्तियों और अजनबियों के साथ यौन संबंध बनाने पर इस इंफेक्‍शन का डर बढ़ जाता है। यद‍ि आप किसी एक ही व्‍यक्ति के साथ यौन संबंध में हैं, लेकिन उसके एक से ज्‍यादा संबंध हैं, तो भी एसटीडी की आशंका रहती है। किसी एक ही व्‍यक्ति के साथ संबंध इस लिहाज से सबसे ज्‍यादा सुरक्षित माना जाता है।

हालांकि यौन संबंधों से होने वाले इंफेक्‍शन से बचने के लिए सुरक्षित सेक्‍स यानी कंडोम के इस्‍तेमाल की सलाह दी जाती है। लेकिन यहां यह जानना जरूरी है कि कंडोम भी एसटीडी से बचाव की सौ प्रतिशत गारंटी नहीं है।

सुरक्षित सेक्‍स करने के बाद भी आपको यौन-जनित संक्रमण हो सकता है। अकसर लोगों को यह लगता है कि अजनबियों के साथ यौन संबंध ही असुरक्षित होता है और इससे संक्रमण का खतरा रहता है। मेरे पास अकसर लोग यह समस्‍या लेकर आते हैं कि मैंने जिस व्‍यक्ति के साथ संबंध बनाया, उसे मैं अच्‍छी तरह जानता या जानती हूं, फिर भी मुझे इंफेक्‍शन हो गया।

यहां किस व्‍यक्ति के अजनबी न होने का अर्थ ये नहीं है कि आप उसे निजी तौर पर जानते हैं या नहीं जानते हैं। इसका अर्थ यह है कि क्‍या आपको यह विश्‍वास है कि आपके अलावा अन्‍य व्‍यक्तियों के साथ उसके संबंध नहीं हैं।

वह किसी और के साथ असुरक्षित सेक्‍स नहीं कर रहा है, संबंध बनाने से पहले ये पता होना जरूरी है। इसलिए इस तरह के किसी भी संक्रमण और बीमारी से बचने का सबसे सुरक्षित उपाय यही है कि एक ही व्‍यक्ति के साथ यौन संबंध रखा जाए।

साभार- ‘न्यूज 18’ हिन्दी