देही तरक़्क़ी, पंचायती राज और वज़ीर चंद्रशेखर दुबे (ददई दुबे) ने पंचायतों को मुकम्मिल इख्तियारात देने की हिदायत दिया। अवामी नुमाइंदों को फराहमी के तहत सहूलत देने की बात भी कही। इतवार को नेपाल हाउस सेक्रेट्रिएट में तीनों महकमों की जायजा के दौरान वज़ीर ने अफसरों से कहा कि अब तक जिन महकमों का इख्तियार नहीं मिला है, उसे एक माह में दिलाने की कोशिश करें। वज़ीर ने कहा कि झारखंड को खुसुसि रियासत के दरजे की जरूरत नहीं है। यहां अकसरियत में मुअदनी (माइंस) इमलाक है। यहां की 70 फीसद रकम सरेंडर हो जाती या प्राइवेट खाते में रख ली जाती है।
देही तरक़्क़ी : वज़ीर को अफसरों ने बताया कि मनरेगा के कामों का हक़ीक़ी अदाद व शुमार एमआइएस में इंट्री नहीं हो पा रहा है। असल से कम काम ही दर्ज किये गये हैं। वज़ीर ने तरजीह से फौरी गलतियों को दूर करने की हिदायत दिया। उन्होंने निगरानी अनुश्रवण कमेटी की बैठक इसी महीने बुलाने की हिदायत दिया। साथ ही उन्होंने ब्लॉक इमारतों के तामीर काम की माड़ी और एकतेसादी तरक़्क़ी की मालूमात मांगी।
पंचायती राज : वज़ीर ने पंचायतों को हक़ देने के साथ ही पंचायत इमारतों की तामीर पर तेजी से काम करने को कहा है। उन्होंने कहा कि जहां काम नहीं हुआ है, उसकी बेहतर तरीके से मॉनिटरिंग हो। उन्होंने बीसीसीएल और डीवीसी एरिया में भी पंचायत इमारत बनाने के लिए कहा।
लेबर महकमा : वज़ीर ने कहा कि कारखाना में मजदूरों की सलामती की भरपूर इंतेजाम होनी चाहिए। उनके मुफ़ादात को खास ख्याल रखा जाये। धावा दल को फआल करने की बात पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि चाइल्ड लेबर पर मौसर तरीके से पाबंदी लगायी जानी चाहिए।