झारखंड में आन्दोलनकारीयों पर पुलिस फायरिंग, एक शख्स की मौत

रांची। सीएनटी, एसपीटी एक्ट में संशोधन के अध्यादेश को वापस लेने, स्थानीय नीति में संशोधन करने और जमाबंदी के आदेश के खिलाफ झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा के नेतृत्व में शनिवार को मोरहाबादी मैदान में आक्रोश रैली का आयोजन किया गया। राज्य के विभिन्न इलाकों से रैली में भाग लेने आ रहे लोगों को कई जगहों पर रोका गया। खूंटी के मुरहू में पुलिस फायरिंग में ग्रामीण की मौत हो गयी, छह गंभीर रूप से घायल हैं। पिछले 55 दिनों में पुलिस फायरिंग की यह तीसरी घटना है।

इन घटनाओं में सात लोगों की मौत हो चुकी है. विभिन्न जगहों पर रोके जाने के बाद भी हजारों की संख्या में लोग रैली में भाग लेने मोरहाबादी मैदान पहुंचे। रोके जाने और पुलिस फायरिंग के खिलाफ झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा ने 14 दिसंबर को झारखंड बंद का एलान किया है़ वहीं, 24 अक्तूबर को विपक्ष के झारखंड बंद का समर्थन किया है।

आक्रोश रैली में भाग लेने आ रहे ग्रामीणों की शनिवार को खूंटी के मुरहू थाना क्षेत्र स्थित सोयको में पुलिस के साथ झड़प हो गयी। पुलिस फायरिंग में ग्रामीण अब्राहम मुंडा की मौत हो गयी। छह अन्य ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हैं। सभी को रिम्स में भरती कराया गया है।

घायलों में सोयको निवासी निरी पूर्ति (22), बारगी गांव निवासी शनि पूर्ति (35), सुगना मुंडरी (40), कोले मुंडा (40), रसबल मुंडू (45) और कूड़ापूर्ति गांव निवासी सुगना मुंडरी शामिल हैं। झड़प में डीएसपी मुख्यालय विजय आनंद का हाथ टूट गया। उनके बॉडीगार्ड नागेंद्र शर्मा का सिर फट गया है। पांच अन्य पुलिसकर्मियों को भी चोटें आयी हैं। घटना के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मृतक के परिजन को दो लाख और घायलों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की।