झारखण्ड के बाद महाराष्ट्र के औरंगाबाद में भीड़ ने लुटेरा समझकर दो लोगों की पीट-पीटकर मार डाला

सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे फ़र्ज़ी मैसेज पर यकीन करके भीड़ द्वारा दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दिए जाने का एक और मामला सामने आया है. इस बार यह गंभीर घटना महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले में हुई है.

पुलिस के मुताबिक, ज़िले के वैजापुर तालुका के चंदगांव गांव में आठ जून को लुटेरे होने के संदेह में ग्रामीणों की एक भीड़ ने दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी और सात अन्य जख्मी हो गए. घायलों में एक की हालत नाज़ुक बताई जा रही है.

पुलिस ने कहा कि कम से कम 1,500 ग्रामीणों की भीड़ ने डंडों से नौ लोगों पर हमला कर दिया. ग्रामीणों ने बीते शुक्रवार की सुबह गांव के एक खेत के पास इन लोगों को पकड़ा था.

वैजापुर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि ‘लुटेरों के गिरोह’ की मौजूदगी के कुछ फ़र्ज़ी मैसेज वॉट्सऐप पर फैलाए जा रहे थे और इन्हीं अफवाहों की वजह से यह घटना हुई.

सहायक पुलिस इंस्पेक्टर राम हरि यादव ने कहा, ‘अफवाहें फैलने के बाद ग्रामीण रात के वक्त चौकसी बरत रहे थे.’

उन्होंने कहा कि एक ग्रामीण ने जब पुलिस को सूचना दी कि उन्होंने ‘लुटेरों के एक गिरोह’ को पकड़ा है, तब पुलिस मौके पर पहुंची.

यादव ने बताया कि पुलिस के गांव पहुंचने पर उन्होंने नौ लोगों को जमीन पर पड़े देखा. उन्हें बुरी तरह पीटा गया था.

इन नौ लोगों को गांव से 70 किलोमीटर दूर औरंगाबाद में सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाने से पहले पुलिस उन्हें वैजापुर के ग्रामीण अस्पताल ले गई थी.

यादव ने बताया कि दो घायलों ने तो नौ जून को ही दम तोड़ दिया जबकि एक अन्य व्यक्ति ज़िंदगी-मौत के बीच जूझ रहा है.

उन्होंने कहा कि मृतकों की पहचान भरत सोनावने और शिवाजी शिंदे के रूप में हुई है.

पुलिस ने इस मामले में हत्या और हत्या की कोशिश के आरोपों में 400 से ज़्यादा ग्रामीणों पर मामला दर्ज किया है. लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.

अधिकारी ने बताया कि पुलिस हमले का शिकार हुए नौ लोगों की पृष्ठभूमि की जांच कर रही है. घटना के दिन गांव में इन लोगों की मौजूदगी के कारणों का पता लगाया जा रहा है.

औरंगाबाद (ग्रामीण) की पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने बुधवार को कहा कि गांव में लुटेरों के गिरोह की मौजूदगी के बारे में वॉट्सऐप पर फैलाए गए कुछ फ़र्ज़ी मैसेज और पोस्ट के कारण पीट-पीटकर मार दिए जाने की यह घटना हुई.

आरती ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि वॉट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया साइटों पर फ़र्ज़ी मैसेज के प्रसार पर लगाम लगाया जा सके.

पिछले महीने दो अलग-अलग घटना में तेलंगाना में कुछ ग्रामीणों ने चोर होने के संदेह में दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.

वहीं, बीते शुक्रवार को असम के कार्बी आंगलांग जिले में दो लोगों को ‘बच्चा चोर’ बताकर भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था.