मुंबई : गुरुवार को इशात हुसैरन को टीसीएस का चैयरमैन नियुक्त किए जाने के बाद अब टाटा संस से जहां रतन टाटा के करीबी माने जाने वाले नुस्ली वाडिया को निकाले जाने की तैयारी की जा रही है वहीं टाटा कैमिकल बोर्ड से इसके नॉन एग्जिक्यूटिव और नॉन इंडिपेंडेट डायरेक्टर भास्कर भट ने इस्तीफा दे दिया है।
जानकारी के अनुसार टाटा संस का आरोप है कि नुस्ली जो कि रतन टाटा के अच्छे दोस्त और काफी करीबी रहे हैं वो सायरस मिस्त्री के साथ मिलकर काम करने लगे हैं। वाडिया के इस कदम को तब देखा गया जब उन्होंने टाटा कैमिकल के नॉन-इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की उस टीम का नेतृत्व किया जो सायरस मिस्त्री को टाटा कैमिकल्स का चेयरमैन बनाए रखने के पक्ष में है।
वाडिया जो कि फिलहाल बॉम्बे डाइंग और ब्रिटेनिया के चेयरमैन हैं, लंबे समय से टाटा कैमिकल्स के डायरेक्टर भी रहे हैं और टाटा ग्रुप के बड़े समर्थक भी रहे हैं। इनके अलावा नासीर मुंजी जो कि टाटा कैमिकल के अन्य डायरेक्टर्स में शामिल हैं और रतन टाटा ट्रस्ट में ट्रस्टी हैं उन पर कंपनी का भरोसा तब कम हो गया था जब मिस्त्री को हटाया गया था। मुंजी रतन टाटा ट्रस्ट के दूसरे ट्रस्टी हैं जिन्होंने मिस्त्री का समर्थन किया है। उनके पहले केकी डडीसेठ ने मिस्त्री का समर्थन किया था।
टाटा कैमिकल्स के बोर्ड मेंबर्स द्वारा मिस्त्री का समर्थन किए जाने के बाद इसके नॉन इंडिपेंडेंट डायरेक्टर भास्कर भट ने इस्तीफा दे दिया है। कंपनी ने इसकी पुष्टि कर दी है और स्टॉक एक्सचेंज को भी इसकी जानकारी दे दी गई है।
सायरस मिस्त्री को संबोधित करते हुए लिखे अपने पत्र में भट ने कहा है कि मैंने अभी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज वेबसाइट पर स्वतंत्र निदेशकों द्वारा दिया गया बयान बढ़ा है। इसमें कही गई बातें और सोच मेरे द्वारा द्वारा बोर्ड मीटिंग में बताए गए विचारों को पूरी तरह से डाल्यूट करते हैं खासतौर पर उन विचारों को जो टाटा कैमिकल्स के चेयरमैन में हमारे प्रमोटर टाटा सन्स के भरोसे में कमी के खतरे की बात करते हैं। मेरे द्वारा बैठक में उठाए गए चिंताजनक विषयों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है और इसके चलते में टाटा कैमिकल्स के डायरेक्टर के पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं। इस पद पर रहते हुए मेरे अनुभव काफी अच्छे रहे और मुझमें आपके भरोसे के लिए मैं धन्यवाद करता हूं।
बता दें कि शुक्रवार को स्वतंत्र निदेशकों ने निर्विरोध रूप से सायरस मिस्त्री को टाटा कैमिकल का चेयरमैन बनाए रखने का समर्थन किया था। भट बोर्ड के इस फैसले से नाखुश थे और मिस्त्री को चेयरमैन बनाए रखने के पक्ष में भी नहीं थे। भट को पिछले साल अक्टूबर में टाटा कैमिकल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर बोर्ड में शामिल किया गया था। भट 1983 में टाटा के टायटन वॉच प्रोजेक्ट के साथ जुड़े थे और टायटन के मैनेजिंग डायरेक्टर रहते पिछले साल वो बोर्ड में शामिल हुए थे।