टिन की छतों के नीचे भी चल रहे हैं दिल्ली के कई स्कूल

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के कई स्कूल टीन की छतों के नीचे चल रहे हैं। कुछ स्कूलों में बच्चे टिनशेड के नीचे पढ़ रहे हैं। कुछ स्कूलों में क्लासरूम की और कुछ में डेस्क की किल्लत है। 1024 स्कूलों में टीचर्स के 10,438 पोस्ट खाली हैं। टीचर्स के सैंक्शन पोस्ट 59,409 हैं, मगर इन पर 15,402 गेस्ट टीचर्स स्कूलों में काम कर रहे हैं। रेग्युलर टीचर्स सिर्फ 33,569 हैं। एजुकेशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि 25,840 पोस्ट खाली हैं, क्योंकि गेस्ट टीचर्स रेगुलर टीचर्स की ही पोस्ट पर काम कर रहे हैं। आरटीई ऐक्ट के हिसाब से वे जिस पोस्ट पर काम कर रहे हैं, वे भी खाली हैं, क्योंकि उन्हें रेग्युलर टीचर्स नहीं माना जा सकता। साथ ही, कई स्कूल ऐसे हैं जो सिर्फ गेस्ट टीचर्स की बदौलत चल रहे हैं मसलन सर्वोदय बाल विद्यालय (एसबीवी) पीरागढ़ी, जहां 59 पोस्ट में से 57 खाली हैं। एक पिटिशन पर शिक्षा निदेशालय ने ऐफिडेविट फाइल कर यह सारी जानकारी अदालत को दी है।

शहर के कई सरकारी स्कूलों के हालात खराब हैं, जिसकी सबसे बड़ी वजह टीचर्स की कमी है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में टीचिंग स्टाफ के लिए 59,409 पोस्ट सैंक्शन किए गए हैं। 51,763 पोस्ट को रेग्युलर टीचर्स, गेस्ट टीचर्स और कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स से भरा गया है। हालांकि, डायरेक्टोरेट का कहना है कि सिर्फ 7,646 पोस्ट खाली हैं, क्योंकि 2,792 असिस्टेंट टीचर्स और टीजीटी सर्व शिक्षा अभियान के तहत काम कर रहे हैं। मगर सोशल एक्टिविस्ट और लॉयर अशोक अग्रवाल कहते हैं, यह हैरानी की बात है कि कई स्कूलों में 60 से 100 के बीच पोस्ट हैं और उनमें 20 से 30 पोस्ट खाली हैं। ज्यादातर स्कूलों में गेस्ट टीचर्स से काम चल रहा है। एक हिसाब से वे पोस्ट भी खाली हैं, क्योंकि गेस्ट टीचर्स की कोई पोस्ट ही नहीं होती। उनसे तो सिर्फ मदद ली जा रही है। सोचा जा सकता है कि जिन स्कूलों में 1000 से 3000 की तादाद है, वहां इतने कम टीचर्स से स्कूल किस तरह चल रहे हैं।

गवर्नमेंट कोएड सीनियर सेकंडरी स्कूल, भाटी माइंस के एक स्टूडेंट के पैंरट की पिटिशन में जानकारी दी गई है कि टीचर्स की कमी के साथ-साथ यहां दो हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स टिन की छत वाले क्लासरूम के अंदर पढ़ाई करते हैं। पिटिशन में दो स्कूलों एसकेवी तुगलकाबाद विलेज और जीबीएसएसएस तुगलकाबाद विलेज को लेकर यह जानकारी दी गई है। साथ ही, कई स्कूलों में डेस्क जैसी बेसिक चीजों की भी कमी है। मसलन, गवर्नमेंट कन्या विद्यालय जीजाबाई कोंडली में 3178 स्टूडेंट्स हैं मगर यहां सिर्फ 475 डेस्क हैं और 57 क्लासरूम हैं।