टी आर एस हुकूमत में मुस्लमानों मुसलसिल नज़रअंदाज

ज़िला जर्नल सेक्रेटरी कांग्रेस पार्टी जमील साइबर ने यहां बोधन में मुनाक़िदा प्रेस कांफ्रेंस से मुख़ातिब करते हुए कहा कि टी आर एस दौर-ए-हकूमत में मुस्लमानों को और साथ ही साथ उर्दू ज़बान को मुसलसिल नज़रअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टी आर एस क़ाइदीन के क़ौल-ओ-फे़अल में तज़ाद पाया जाता है जमील ने कहा कि तेलंगाहन यूनीवर्सिटी निज़ामबाद मनी शोबा उर्दू के तहत मुनाक़िदा दो रोज़ा जश्न उर्दू (उर्दू फ़ैस्टीवल) में एक भी बयानर उर्दू ज़बान का नज़र नहीं आया। जमील ने कहा कि इस जश्न में महबान उर्दू की तादाद कम और सरकारी ओहदेदारों की तादाद ज़्यादा पाई गई उर्दू किसी मख़सूस मज़हब के मानने वालों की ज़बान नहीं है लेकिन इस जश्न उर्दू में तेलंगाना के किसी भी मारूफ़ महबान उर्दू को मदऊ नहीं किया गया।

जमील साइबर ने तेलंगाना यूनीवर्सिटी अंतता मेह की कारकर्दगी पर अफ़सोस का इज़हार करते हुए निज़ामबाद‍ ओ‍ इलाके तेलंगाना से मुंतख़ब होने वाले वाजिद मुस्लिम रुकने असेंबली मुहम्मद शकील आमिर की जश्न उर्दू के दौरान कमी के बाइस तेलंगाह यूनीवर्सिटी और टी आर एस हुकूमत की कारकर्दगी का पर्दा फ़ाश होगया। जमील साइबर ने कहा कि सेक्युलर मुल्क में महबान उर्दू और मुस्लिम क़ाइद का चाहे किसी भी पार्टी से ताल्लुक़ हो दुसरे तबक़ात जैसे बी सी एसटी की तरह अपने तबक़ा से ताल्लुक़ रखने वाले क़ाइद को पार्टी में नज़रअंदाज किए जाने पर यकजहती का मुज़ाहरा करना ज़रूरी है।