ट्रेन हादसों का आरोपी मोती पासवान गिरफ्तार, कहा ISI से मिली थी मोटी रक़म

पटना: पिछले साल नवंबर के महीने में कानपुर में हुए भीषण ट्रेन हादसे के बारे में बिहार पुलिस ने सनसनीख़ेज़ खुलासा किया है. बिहार पुलिस का मानना है कि कानपुर रेल हादसा असल में आतंकी साज़िश थी, जिसे आईएसआई ने अंजाम दिया था. हिदुस्तान के हवाले से, बिहार पुलिस ने मोतिहारी जिले से मोती पासवान नाम के एक शख़्स को गिरफ़्तार किया है.

पुलिसिया रिपोर्ट के मुताबिक मोती ने कबूल किया है कि उसी ने कानपुर में रेल पटरी को बम धमाके से उड़ाया था. इसके लिए आईएसआई ने उसको नेपाल के रास्ते मोटी रकम भेजी थी. दिल्ली में भी दो आरोपियों को इस मामले में गिरफ़्तार किया गया है. कानपुर के पुखरायां में हुए ट्रेन हादसे में 150 लोग मारे गए थे.

बिहार की पूर्वी चंपारण पुलिस के खुलासे के बाद अब यह सवाल उठने लगे हैं, कि क्या पटना-इंदौर ट्रेन और अजमेर-सियालदह ट्रेन हादसे के पीछे आईएसआई का हाथ था? चंपारण पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है कि दुबई में बैठे शमसुल होदा ने अपने लोगों के जरिये इन घटनाओं को अंजाम दिया था.

दरअसल, बिहार की पुलिस पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन में एक अक्टूबर 2016 को रेल पटरी पर मिले बम के मामले की जांच कर रही थी. जांच के दौरान इस मामले में मोती पासवान नामक व्यक्ति की संलिप्तता सामने आयी. मोती से जब पूछताछ हुई तो ये सनसनीखेज खुलासा हुआ. दुबई में बैठे नेपाली कारोबारी शमसुल होदा ने ये साजिश रची थी. उसने नेपाल के अपराधी ब्रजकिशोर गिरी के जरिये पैसा भिजवाया. इसी पैसे से अपराधियों ने रेल पटरियों पर बम लगाया.

बता दें कि मोती पासवान पूर्व चंपारण के आदापुर थाना के बखरी गांव का रहने वाला है. अरुण राम और दीपक राम भी इसी गांव के रहने वाले थे. बखरी गांव भारत-नेपाल बॉर्डर पर नेपाल बॉर्डर से सटा हुआ गांव है.
मोती पासवान के खिलाफ पूर्वी चंपारण, शिवहर और सीतमाढ़ी में 14 के करीब लूट और हत्या के मामले दर्ज हैं.