डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में कोर्ट ने दी जमानत

साध्वी यौन शोषण मामले में सलाखों के पीछे बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को 400 साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के मामले में जमानत मिल गई है। डेरा मुखी को इस मामले में राहत जरूर मिली है, लेकिन इसका उसे कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा मुखी को 20 साल की सजा मिली हुई है। साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के मामले में जमानत मिलने पर भी उसे जेल से राहत नहीं मिलेगी।

डेरा मुखी को उक्त मामले में राहत पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत से शुक्रवार को मिली। बता दें कि हाई कोर्ट ने एक मामले में याचिकादाता हंसराज चौहान की याचिका पर साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के मामले में हाई कोर्ट ने 23 दिसंबर 2014 को सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। याचिकादाता ने दावा किया था कि डेरा में ईश्वर से मिलाने के नाम पर 400 साधुओं के अंडकोष काटकर उन्हें नपुंसक बनाया गया था।

गौरतलब है कि इससे पहले भी गुरमीत राम रहीम ने जमानत के लिए याचिका लगाई थी, लेकिन तब राहत नहीं मिल पाई थी। इस तरह देश भर की नजरों में आए इस मामले में सीबीआई को बड़ा झटका लगा है। सवाल खड़े हो रहे हैं कि इस मामले में सीबीआई के तर्क अदालत में टिक नहीं पाए और इसी कारण गुरमीत राम रहीम राहत हासिल करने में कामयाब हो गया।

बता दें कि सीबीआई की विशेष सीबीआई अदालत में कुछ समय आरोपियों पर आरोप तय कर दिए गए थे। कोर्ट ने तब आईपीसी की धारा 326, 417, 506 और 120B के तहत तीनों आरोपियों गुरमीत राम रहीम, डॉ. मोहिन्द्र इंसा और डॉ. पी. आर. नैन पर आरोप तय किए थे।