डॉक्टर औसाफ़ सईद शिकागो में हिंदुस्तानी कौंसिल जेनरल मुक़र्रर

हुकूमते हिन्द ने इंडियन फॉरेन सर्विस के सीनियर ओहदेदार डॉक्टर औसाफ़ सईद को शिकागो में कौंसिल जेनरल मुक़र्रर किया है। डॉक्टर औसाफ़ सईद जो यमन में हिंदुस्तानी सफ़ीर की हैसियत से ख़िदमात अंजाम दे रहे थे उन्हें यूनाइटेड स्टेट्स अमरीका में अहम सिफ़ारती ओहदा पर मुक़र्रर किया गया है।

डॉक्टर औसाफ़ सईद पहले मुस्लिम ओहदेदार हैं जिन्हें अमरीका में इस जलीलुल क़दर ओहदा पर फ़ाइज़ किया गया है। यमन के सफ़ीर की हैसियत से दोनों ममालिक के ताल्लुक़ात और खासतौर पर तिजारत के इस्तेहकाम में नुमायां ख़िदमात अंजाम देने वाले डॉक्टर औसाफ़ सईद 6 अगस्त को अपने नए ओहदा का जायज़ा लेंगे।

अमरीका रवानगी से क़ब्ल डॉक्टर औसाफ़ सईद मुख़्तसर क़ियाम के लिए हैदराबाद में हैं। उन्हों ने नुमाइंदा सियासत को दिए गए एक ख़ुसूसी इंटरव्यू में कहा कि यमन और फिर अमरीका में उन की पोस्टिंग से उन की जज़बाती वाबस्तगी है।

डॉक्टर औसाफ़ सईद के आबाओ अजदाद यमन से ताल्लुक़ रखते हैं, इस एतबार से यमन में हिंदुस्तानी सफ़ीर की हैसियत से ख़िदमात अंजाम देना उन के लिए एज़ाज़ था। अब शिकागो में कौंसिल जेनरल की हैसियत से जज़बाती वाबस्तगी की वजह ये है कि वहां उन के वालिद बुजु़र्गवार मुमताज़ उर्दू अदीबो नक़्क़ाद जनाब औज़ सईद मरहूम मदफ़ून हैं।

डॉक्टर औसाफ़ सईद ने बताया कि जुलाई 1995 में उन के वालिद का शिकागो में इंतिक़ाल हुआ था जब कि वो अपनी दुख़तर से मुलाक़ात के लिए शिकागो में थे। उन की तदफ़ीन शिकागो में ही अमल में आई। वज़ारते ख़ारिजा में अपनी 24 साला ख़िदमात में डॉक्टर औसाफ़ सईद ने सिर्फ़ 6 साल हिंदुस्तान में मुख़्तलिफ़ ओहदों पर ख़िदमात अंजाम दीं जबकि माबक़ी मुद्दत में उन्हों ने बैरूनी ममालिक में ख़िदमात अंजाम दी हैं।

15 बर्सों तक वो ख़लीज के मुख़्तलिफ़ ममालिक में सिफ़ारती ओहदों पर फ़ाइज़ रहे जिन में सऊदी अरब, मिस्र और क़तर शामिल हैं। अहम सिफ़ारती ओहदों की हैसियत से वो कौंसिल जेनरल जद्दा रहे इस के बाद उन्हें यमन में हिंदुस्तान का सफ़ीर मुक़र्रर किया गया और अब तीसरी अहम पोस्टिंग कौंसिल जेनरल शिकागो की हैसियत से हुई है।

हिंदुस्तानी सफ़ीर की हैसियत से उन की ख़िदमात को यमन के सदर मंसूर हादी और वज़ीरे आज़म मुहम्मद सलमान बासिन्दवा ने काफ़ी सताइश की है। सफ़ीर यमन की हैसियत से उन्हों ने मुख़्तलिफ़ शोबों में दोनों ममालिक के ताल्लुक़ात के इस्तेहकाम में अहम रोल अदा किया। सिफ़ारती सतह पर भी दोनों ममालिक एक दूसरे के क़रीब आए हैं।

यमन के वज़ीरे ख़ारजा ने दो मर्तबा हिंदुस्तान का दौरा किया इस के इलावा बर्क़ी और सेहत के वुज़रा भी हिंदुस्तान के दौरे पर आए। हिंदुस्तान की जानिब से कई तिजारती वफ़ूद ने यमन का दौरा किया और सरमाया कारी के इमकानात का जायज़ा लिया।

इन में बड़े इदारे एल ऐंड टी, रिलाइंस, जी एम आर, के ई सी पावर कंपनी शामिल हैं। उन्हों ने बताया कि उन के दौर में ही बी एच ई एल को 434 मिलयन अमरीकी डॉलर के बर्क़ी प्रोजेक्ट काकॉन्ट्रैक्ट मिला है।

हिंदुस्तान के नागरजुना ग्रुप के साथ 1.2 बिलीयन डॉलर के गैस पर मबनी पावर प्लांट के क़ियाम का मुआहिदा आख़िरी मराहिल में है। औसाफ़ सईद ने बताया कि दोनों ममालिक ने तिजारत 2.35 बिलीयन डॉलर की है जिन में 1.47 बिलीयन डॉलर हिंदुस्तानी दरआमद का हिस्सा है।

दोनों ममालिक की तिजारत में एक बरस में 100 फ़ीसद से ज़ाइद का इज़ाफ़ा हुआ। हिंदुस्तान यमन का चौथा बड़ा तिजारती शराकतदार है। हिंदुस्तान और यमन के अरकाने पार्लीयामेंट के दरमयान दोस्ती और ख़ैरसगाली के लिए एक ग्रुप तशकील दिया गया है ताकि दोनों ममालिक के पार्लीयामेन्टेरीयन के दरमयान बाहमी तआवुन में इज़ाफ़ा हो।

नायब सदर जम्हूरीया हामिद अंसारी और लोक सभा स्पीकर मीरा कुमार ने यमन के सदर को दौरा हिंद की दावत दी है। उन्हों ने बताया कि दोनों ममालिक के दरमयान उन के दौर में 6 मुआहिदात पर दस्तख़त हुए जोकि तालीम, सक़ाफ़त और दीगर शोबों में बाहमी तआवुन से मुताल्लिक़ हैं। (रशीद उद्दीन)