ताज महल पाँच साल के अंदर गिर जाएगा!

लंदन । 5 । अक्तूबर (एजैंसीज़) मुग़ल शहनशाह शाहजहां की आफ़ाक़ी मुहब्बत की तारीख़ी यादगार निशानी ताज महल पाँच साल के अंदर गिर जाएगा। दुनिया के सातवें अजाइब में शुमार की जाने वाली ये ख़ूबसूरत इमारत अंदर ही अंदर खोखली होरही है। इस की बुनियादें कमज़ोर होचुकी हैं और माहौलियाती आलूदगी का भी इस पर असर पड़ रहा है । शुमाली शहर आगरा में वाक़्य 358 साला मुमताज़ महल की याद में तामीर करदा संग मर मर के मक़बरा को हिंदूस्तान के सब से मक़बूल सयाहती मर्कज़ समझा जाता है, जहां हर साल चार बिलीयन से ज़्यादा सय्याह इस शानदार ख़ूबसूरत इमारत का मुशाहिदा करते हैं । इस इमारत की मज़बूती और बक़ा का दार-ओ-मदार समझे जाने वाले दरयाए जमुना आलूदगी और सनअती फ़ुज़्ला-ए-के इलावा गंदगी के बाइस सिकुड़ता जा रहा है । ताज महल की इमारत को बचाने के लिए मुहिम चलाने वालों का कहना है कि इस की बुनियादें दिन बह दिन खोखली होरही हैं और ज़र-ए-ज़मीन के पानी की कमी की वजह से इस इमारत को ख़तरा लाहक़ होगया है । ताज महल की गनबद के कुछ हिस्सों में गुज़शता साल शिगाफ़ पड़ गए थे । इस के चार मीनारों में भी शिगाफ़ की निशानदेही की गई थी। गनबद और मीनारों की गुच्ची के इलावा मज़बूती को ख़तरा पैदा होगया है। मुग़ल शहनशाह शाहजहां ने अपनी अहलिया मुमताज़ महल की वफ़ात के बाद उन की याद में इस शाहकार को तामीर करवाया था । तारीख़ दानों के ग्रुप के इलावा माहीरीन-ए-माहूलीयात और सियासतदानों ने कहा कि इस इमारत को लाहक़ ख़तरा से महफ़ूज़ रखने का वक़्त गुज़रता जा रहा है । अगर बरवक़्त जंगी बुनियादों पर इस इमारत की निगहदाशत नहीं की गई तो ये दुनिया की ख़ूबसूरत इमारत ताज महल दो और पाँच साल के दरमयान ज़मीन दोज़ होजाएगी। बर्तानिया के अख़बारी डेली मेल ने आगरा के रुकन पार्लीमैंट राम शंकर कथुरिया के हवाला से लिखा है कि ताज महल को माहौलियाती आलूदगी के इलावा सनअती-ओ-दीगर आलूदगियों का ख़तरा है । उन्हों ने ताज महल को बचाने की मुहिम शुरू की है। दुनिया का सातवां अजूबा समझा जाने वाला ताज महल अपनी चमक दमक खो रहा है। पानी की कमी बाइस लक्कड़ीयों पर बनाई गई उस की बुनियादें भी गिर जाएं गी। गुज़शता तीन दहों से इस इमारत की बुनियादों पर देखने की किसी को इजाज़त नहीं दी जा रही है । उन्हों ने कहा कि अगर ताज महल को कोई ख़तरा नहीं है तो फिर हर चीज़ पोशीदा क्यों रखी जा रही है। तारीख़ दान प्रोफ़ैसर राम नाथ ने कहा कि ताज महल सिर्फ़ दरयाए जमुना के पानी की ताक़त पर टिका हुआ है लेकिन अब दरिया जमुना भी ख़ुशक होरही है। ताज महल बनाने वालों ने इस बात का क़तई अंदाज़ा नहीं किया था कि आने वाले दिनों में दरिया जमुना ख़ुशक होजाएगी और उन की तैय्यार की जाने वाली ख़ूबसूरत इमारत एक दिन दरिया के आग़ोश में ही हमेशा के लिए दफ़न होजाएगी। अगर ताज महल पर तवज्जा नहीं दी गई तो ये इमारत ज़्यादा दिन अपनी शान-ओ-शौकत और चमक दमक से महरूम होजाएगी