तारीख़ी मक्का मस्जिद की छत को बारिश के नुक़्सानात से बचाने काम का आग़ाज़

हैदराबाद 01 सितम्बर: तेज़ बारिश से तारीख़ी मक्का मस्जिद की छत को होने वाले नुक़्सानात को रोकने के लिए आख़िर-ए-कार हंगामी तौर पर छत की मुरम्मत और दरूस्तगी के काम का आग़ाज़ हो चुका है।

आरक्योलोजीकल सर्वे आफ़ इंडिया के माहिरीन के ज़रीये छत पर वॉटरप्रूफ शीट बिछाने के काम का आग़ाज़ किया गया जिस पर 5 लाख रुपए का ख़र्च आसकता है। ये काम पिछ्ले 3 दिन से जारी था लेकिन अचानक मूसलाधार बारिश के बाइस काम को बंद करना पड़ा। मस्जिद की छत के दो हिस्सों में बारिश का पानी उतरने के सबब छत को काफ़ी नुक़्सान हुआ है और मस्जिद के इस हिस्से में नमाज़ की अदायगी से रोकने के लिए बेरीकेटिंग की गई है।निगरान मक्का मस्जिद अबदुलक़दीर सिद्दीक़ी ने बताया कि आरक्योलोजीकल सर्वे आफ़ इंडिया के माहिरीन के ज़रीये छत की मरम्मत का काम बहुत जल्द मुकम्मिल कर लिया जाएगा। वॉटरप्रूफ शीट बिछाने से बारिश का पानी छत में नहीं उतर सकता। इस काम के लिए छत पर मौजूद डॉबर की परत को निकाला जा रहा है। इस काम के लिए 110 शीट हासिल किए गए हैं।

हुकूमत ने मुस्तक़िल तौर पर छत की दरूस्तगी के लिए मुमताज़ आर्किटेक्ट शरद चंद्र की ख़िदमात हासिल की हैं, जो हुकूमत को तफ़सीली रिपोर्ट पेश करें गे। शरद चंद्र ने मस्जिद के मुआइना के वक़्त वाज़िह किया था कि गुम्बदान क़ुतुब शाही की तरह मक्का मस्जिद की तज़ईन नौ के लिए छत पर मौजूद डॉबर की गहिरी परत को निकालना ज़रूरी है।

इसी दौरान बारिश के सबब मस्जिद के सेहन में वाक़्ये आसिफ़ जाहि ख़ानदान की मज़ारात पर मुश्तमिल मक़बरा की छत को नुक़्सान हुआ है। मक्का मस्जिद के एक इमाम की ख़िदमात में तौसी और दूसरे इमाम के तक़र्रुर से मुताल्लिक़ फाईल चीफ़ मिनिस्टर की मंज़ूरी की मुंतज़िर है।