तालेबात (छात्राओं) के एहतिजाज पर बनवारी लाल की वज़ाहत

नई दिल्ली, 01 जनवरी: (पीटीआई) बी जे पी एम एल ए बनवारी सिंघल ने अलवार डिस्ट्रिक्ट की तमाम स्कूल्स में स्कर्ट पर पाबंदी आइद करने का जो मुतालिबा किया था इसका रद्द-ए-अमल उन्हें ख़वातीन और लड़कियों की नाराज़गी की सूरत में झेलना पड़ा ।

ख़वातीन और लड़कियों ने उनकी रिहायशगाह के रूबरू एहितजाजी मुज़ाहिरा करते हुए बनवारी सिंघल से माज़रत ख़्वाही तलब की जबकि एमएल ए ने कहा कि उन्होंने स्कर्ट पर इम्तिना का जो बयान जारी किया था इसका मक़सद सिर्फ़ लड़कियों को मर्दों की बवालहोस नज़रों से बचाना था ना कि उनकी (लड़कियों) आज़ादी को सल्ब करना।

दरी असना एक कालेज की छात्रा गुरजीत कौर ने कहा कि एमएल ए के बयान से ये ज़ाहिर हो गया कि वो एक तंग दिमाग़ आदमी हैं। हम कल ही उनके ख़िलाफ़ एहतिजाज करना चाहते थे लेकिन वो अपनी रिहायश गाह से बाहर ही नहीं आए । गुरजीत कौर ने कहा कि सिंघल को फ़ौरी माज़रत ख़्वाही करनी चाहीए ।

जब तक वो माज़रत ख़्वाही नहीं करेंगे हमारा एहतिजाज जारी रहेगा । कीर्ति नामी एक और लड़की ने कहा कि हम भी समझदार हैं और हमारे वालदैन भी ये बात बख़ूबी जानते हैं कि हमारे लिए किया अच्छा है और क्या बुरा।

एमएल ए का हमारे लिए फ़िक्रमंद होना कोई मायने नहीं रखता। दूसरी तरफ़ एमएल ए ने एक बार फिर अपना दिफ़ा करते हुए कहा कि लड़कियां और दीगर तालेबात उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रही हैं जबकि ज़रूरत इस बात की है कि वो मेरे बयान पर संजीदगी से ग़ौर करें।

उन्होंने सिर्फ़ इतना कहा था कि स्कूल्स में ड्रेस कोड तब्दील करते हुए ट्राज़र यह शलवार क़मीज़ को मुतआरिफ़ किया जाय ताकि स्कूल में तालीम हासिल करने वाली नौख़ेज़ लड़कियां बवालहोस मर्दों की निगाहों से बचे रहें लेकिन लड़कियां मेरी बात समझने तैयार नहीं हैं और बदस्तूर अपना एहतिजाज जारी रखे हुए हैं जिससे ये ज़ाहिर हो जाता है कि एहतिजाज के पसेपुश्त सयासी मुहर्रिकात कारफ़रमा हैं।