तीन तलाक पर प्रतिबंध से मुस्लिम महिलाओं को कोई फ़ायदा नहीं होगा: जमाते इस्लामी

नई दिल्ली: जमाते इस्लामी हिन्द के अमीर और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी ने कहा कि तीन तलाक पर प्रतिबंध से मुस्लिम महिलाओं पर सकारात्मक प्रभाव नहीं होंगे। उन्होंने अपनी ख्याल का इज़हार करते हुए कहा कि तीन तलाक पर प्रतिबंध से मुस्लिम महिलाओं को कोई लाभ नहीं होगा।

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न्यूज़ नेटवर्क समूह न्यूज़ 18 के मुताबिक जमाते इस्लामी के मासिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मौलाना उमरी ने कहा कि अगर तीन तलाक पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है तो भी अगर कोई अपनी पत्नी को परेशान करना चाहे तो इन प्रतिबंधों के बावजूद वह ऐसा कर सकता है, और उन्हें वैवाहिक अधिकारों से वंचित कर सकता है। इन प्रतिबंधों से अधिक जटिलताएं पैदा होंगी और महिलाओं की गरिमा चपेट में आएगी।

मौलाना उमरी ने स्पष्ट रूप से अपने शब्दों को दोहराते हुए कहा कि मुस्लिम समाज में तलाक समस्या इतना बड़ा नहीं है जितना कि बताया जा रहा है। आंकड़ों से साबित होता है कि मुसलमानों में तलाक दर बहुत कम है और शोर ऐसा किया जा रहा है जैसा कि हर घर से तलाक तलाक तलाक की आवाज़ें आ रही हूँ।

मौलाना ने इस अवसर पर एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार को चाहिए कि पूरे देश में गौ-हत्या पर प्रतिबंध लगाते हुए गाय को राष्ट्रीय पशु स्वीकार करने की घोषणा करे। उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध राष्ट्रव्यापी होनी चाहिए और गाय के साथ जिस स्थिति में भी हो उसके साथ बेहतर व्यवहार किया जाए। उन्होंने जमीअत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी के इस संबंध में किए गए मांग का पुरजोर समर्थन किया।

गौरतलब है कि एक प्रेस कांफ्रेंस में मौलाना मदनी ने सरकार से अपील की थी कि वे गाय को राष्ट्रिय पशु करार दे और उसके हत्या पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध लगाये, ताकि गौ –हत्या के नाम पर की जाने वाली बदमाशी बंद हो । मुस्लिम पर्सनल लॉ जागरूकता अभियान के संयोजक मोहम्मद जाफर ने मीडिया को बताया कि जमाते इस्लामी द्वारा आयोजित 15 दिवसीय अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ जागरूकता अभियान सफलतापूर्वक अंत हो गया है। देश के कई शहरों में काउंसिलनग सेंटर्स और शरई पंचायतें स्थापित की गईं। अभियान के दौरान जमीयत 14.5 करोड़ लोगों तक पहुँचने में कामयाब हुई।