तेज प्रताप यादव पर सीएम नीतीश का टूटा कहर , मिट्टी घोटाले में दिए जांच के आदेश

पटना : लालू प्रसाद यादव के परिवार के लिए मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। लालू का अभी नीतीश के बीजेपी से गठजोड़ का जख्म भरा ही नहीं था कि उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पर भी नये सीएम नीतीश का कहर टूटने लगा।

बता दें कि नीतीश सरकार ने मिट्टी खरीद घोटाला में तेज प्रताप के खिलाफ जांच करने का फैसला लिया है। तेज प्रताप ने अपने पर्यावरण और वन मंत्री होने के दौरान पटना में संजय गांधी बॉयोलॉजिकल पार्क में मिट्टी खरीदी थी।

एक अधिकारी ने बताया कि वन विभाग के प्रिंसिपल मुख्य सरंक्षक ने विभाग को मिट्टी खरीदने से संबंधित एक फाइल जमा की थी। उन्होंने आगे बताया कि ये फाइल कार्रवाई के लिए चीफ सेकेट्री को जमा कराई जानी है।

बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने 4 अप्रैल को तेज प्रताप पर इस मिट्टी को सगुना मोड़ के पास बन रहे नये मॉल के निर्माण में इस्तेमाल करने का आरोपी बताया था। बता दें कि ये मॉल पटना जू के दवारा 90 लाख रु में बिना किसी आमंत्रण और टेंडर के खरादा गया है।

मोदी ने मॉल की दो एकड़ जमीन का डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड से जुडें होने का दावा किया है। बता दें कि इस कंपनी में लालू के दोनों बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी यादव बोर्ड ऑफ डायरेक्टर थे।

वहीं, चीफ सेकेट्री अंजनी कुमार सिंह ने वन विभाग से 6 अप्रैल को मिट्टी खरीद के विषय से संबंधित में कागजात मांगे थे। लेकिन 21 अप्रैल को अंजनी ने कहा कि जांच करने के बाद इस घोटाले में कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा।

उन्होंने आगे कहा कि मिट्टी सप्लाई करने वाली फर्म ने दावा किया है कि ये मिट्टी अलग-अलग जगहों से लाई गई है। लेकिन चीफ सेकेट्री ने आगे जांच करने के लिए वन विभाग से खरीद के कागजात की मांग की थी। यहां तक मिट्टी कहां से लाई गई है इस बारे में पूरी जानकारी मांगने के लिए विभाग को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था।